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100 साल पुरानी सिंचाई कॉलोनी तोड़ी...अब जमीन को ही बेचने की तैयारी...

रायपुर : शहर के प्राइम लोकेशन में स्थित 100 साल से ज्यादा पुरानी शांतिनगर सिंचाई कालोनी में हाउसिंग प्रोजेक्ट लगभग खत्म होने की कगार पर है इसके लिए गठित तीन मंत्रियों की समिति ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है सूत्र बताते हैं कि सरकार इसकी 19 एकड़ जमीन को बेचने की तैयारी में है 2019 में इसे लेकर 600 करोड़ का प्लान बनाया और यहां बने 200 मकान तोड़ दिए गार्डन तक तोड़ दिया, जब कागज पर भी प्लान नहीं बना था पैसों की कमी के कारण जमीन बेचने का निर्णय लिया गया है अभी जमीन ट्रांसफर को लेकर जल संसाधन विभाग, हाउसिंग बोर्ड, आवास एवं पर्यावरण विभाग के अफसर फाइलों में ही उलझे हुए हैं....

पूरी योजना ऐसे समझें

2019 में हाउसिंग बोर्ड ने सिंचाई कॉलोनी का सर्वे किया कॉलोनी 24.36 एकड़ जमीन में है इसमें कुल 283 मकान थे इसी में 4.60 एकड़ में गर्ल्स स्कूल और क्रेडा का दफ्तर भी है इन दोनों को छोड़कर बाकी बची 19.76 एकड़ जमीन को योजना में शामिल किया गया उस समय जमीन की कीमत लगभग 77.42 करोड़ थी बोर्ड सिंचाई विभाग को 3.76 एकड़ में 86.24 करोड़ की लागत से 320 मकान बनाकर देता पूरा प्रोजेक्ट 605.68 करोड़ का बताया गया था सिंचाई विभाग को देने के बाद बची हुई जमीन में हाउसिंग बोर्ड डुप्लेक्स और फ्लैट बनाकर आम लोगों को बेचता... 

स्कूल और क्रेडा की बिल्डिंग तोड़ने का प्लान भी तैयार था

सिंचाई कॉलोनी में तोड़फोड़ के दौरान नोडल एजेंसी हाउसिंग बोर्ड ने वहां बने शासकीय कन्या स्कूल और नियामक आयोग की बिल्डिंग पर भी नजरें टेढ़ी की थी लेकिन जबर्दस्त विरोध के बाद दोनों भवनों को तोड़ने का प्लान बदला गया.... 

मंत्रियों की समिति ने दी रिपोर्ट, अब तक चुप्पी

वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया की तीन सदस्यीय कमेटी ने रिपोर्ट शासन को भेज दी है आज तक इस योजना पर कोई फैसला नहीं किया जा सका है सूत्र बताते हैं कि इसमें जमीन बेचने कहा गया है...

तीरथगढ़ जलप्रपात को भी किया जमींदोज

सिंचाई कॉलोनी बनाने के लिए अफसरों ने शुरुआती दिनों में इतनी हड़बड़ी दिखाई कि सबसे पहले आनन-फानन में यहां एक हिस्से में बनी गौरव वाटिका और तीरथगढ़ जलप्रपात को तोड़ दिया जबकि ये हिस्सा कालोनी के ऐसे छोर में था जो तोड़फोड़ वाले से बिलकुल अलग है गार्डन को बनाने में करीब एक करोड़ खर्च किए गए थे.... 

जिम्मेदारों ने फैसला सरकार पर छोड़ा

सिंचाई कॉलोनी का मामला राज्य सरकार के पास है मंत्रियों की रिपोर्ट भी सबमिट हो गई है जो फैसला करना होगा शासन करेगा कुलदीप जुनेजा, अध्यक्ष हाउसिंग बोर्ड

सिंचाई कॉलोनी प्रोजेक्ट कोरोना की वजह से अटक गया था मंत्रियों की समिति ने इस रिपोर्ट तैयार की है फैसला राज्य सरकार करेगी एसएन राठौर, कमिश्नर हाउसिंग बोर्ड

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