इंदौर : मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अक्सर ऐसा कुछ बयान दे जाते हैं, जिसकी वजह से उनकी चर्चा हर किसी की जुबान पर रहती है. इंदौर में एक कार्यक्रम में उन्होंने कुछ ऐसा बोल दिया कि वहां मौजूद सभी लोग एक पल के लिए चौंक गए. वहीं उनकी इस बात से राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई. विजयवर्गीय के शब्दों के कई मायने निकाले जा रहे हैं..
विजयवर्गीय ने पार्षदों पर साधा निशाना
जल गंगा संवर्धन कार्यक्रम में प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पार्षदों पर सीधा निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कुछ पार्षद नगर निगम में डकैती डाल रहे हैं. विजयवर्गीय ने सुझाव दिया कि कॉलोनियों में सड़क निर्माण के लिए 50 प्रतिशत तक जन सहयोग लिया जाए. इससे निगम का आर्थिक बोझ कम होगा और नागरिक सड़कों की देखभाल भी खुद करेंगे. उन्होंने कहा कि जब वे महापौर थे, तो पार्षदों के साथ कॉलोनियों में जाकर लाइसेंस बनवाते थे और संपत्ति कर की वसूली करते थे.
विजयवर्गीय का मानना है कि पार्षदों को जनता के बीच रहकर उनकी समस्याओं को समझना चाहिए और छोटी-छोटी बैठकें कर उन्हें समाधान बताना चाहिए. महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी कार्यक्रम में जल संरक्षण पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इंदौर के लोग सबसे महंगा पानी पीते हैं और उसे बर्बाद भी करते हैं. भार्गव ने बताया कि शहर का केवल 20 प्रतिशत जल स्थानीय स्रोतों से आता है, इसलिए उनका संरक्षण जरूरी है. उन्होंने नागरिकों को सलाह दी कि छत के पानी को जमीन में डालें और सोलर सिस्टम का उपयोग करें, जिससे बिजली की बचत होगी और आमदनी का जरिया भी बनेगा.
कार्यक्रम में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का अंदाज भी अलग दिखा. उन्होंने अश्विन शुक्ल के बारे में कहा कि ये श्मशान घाट में भी हंसते नजर आते हैं. गोलू शुक्ल को 15 दिन में विधायक बनने की बात कही और अभिषेक बबलू शर्मा पर कहा कि उनके बारे में पहले ही इतना कहा जा चुका है कि अब कुछ कहने की जरूरत नहीं.
क्या बोले विजयवर्गीय ?
विजयवर्गीय ने अपने सम्बोधन के दौरान कहा कि शहर के बहुत ही लोकप्रिय विधायक, विजनरी विधायक, टेक्नोलॉजी से भी विधायक. जितनी भी नई टेक्नोलॉजी आती है, सबसे पहले प्रधानमंत्री के पास आती है और उसके बाद अगर किसी के पास आती है तो महापौर के पास आती है. ऐसी टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हमारे लोकप्रिय विधायक पुष्यमित्र भार्गव के लिए जोरदार तालियां बजाएं. इतना कहते ही मंच पर मौजूद नेता खुद को रोक नहीं पाए और जोरदार ठहाके लगाने लगे. हालांकि इस दौरान महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने खड़े होकर अपना पद याद दिलाया, फिर भी विजयवर्गीय के बयान पर कार्यक्रम में जमकर तालियां बजी..
अटकलें हुई तेज
इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म है. सवाल यह उठ रहा है कि क्या मंत्री विजयवर्गीय की जुबान फिसली है, या फिर कोई भविष्य की भूमिका का इशारा? क्या आने वाले समय में भार्गव को विधानसभा चुनाव में टिकट दिया जा सकता है ? विजयवर्गीय का बयान तो इसी ओर इशारा कर रहा है..।
