अब तक आपने सांसद, विधायक और पार्षद निधि के दुरुपयोग की तमाम खबरें देखी सुनी होंगी, लेकिन छत्तीसगढ़ के नवगठित जिले मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में एक युवा पार्षद अपने पार्षद निधि से बच्चों का भविष्य संवार रहे हैं. पार्षद के अनोखे काम की हर तरफ चर्चा और तारीफ हो रही है....
नगर पंचायत खोंगापानी में वार्ड क्रमांक 4 के युवा पार्षद जगदीश मधुकर ने पार्षद निधि से बस स्टॉप को शिक्षालय में बदल दिया है. वार्ड क्रमांक 5 स्थित बस स्टॉप पर स्कूल जाने से पहले और स्कूल से आने के बाद बच्चे हिन्दी वर्णमाला, एबीसीडी, दिन, महीने और साल को जान रहे हैं...
स्कूल बस पकड़ने के लिए आने वाले बच्चों को शिक्षालय में अक्षरों की पहचान कराया जाता है. युवा पार्षद की तरकीब से खेल-खेल में बच्चे बुनियादी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. पार्षद के बेमिसाल पहल की बच्चों के अभिभावक सराहना कर रहे हैं....
राजनीति की आड़ में कुछ युवा राह से भटक कर विकास की सोच से दूर हो जाते हैं. लेकिन नगर पंचायत खोंगापानी के पार्षद जगदीश मधुकर ने मिसाल पेश की है. अभिभावक शिक्षा के नाम पर झूठा वादा करने वाले नेताओं को जगदीश मधुकर से प्रेरणा लेने की नसीहत दे रहे हैं.....
अभिभावक गौरी रात्रे का कहना है कि स्कूल जाने के लिए बस स्टॉप पर वार्ड निवासी सभी बच्चे आते हैं. बस स्टॉप पर बने क, ख, ग वर्णमाला देखकर बच्चों का ज्ञान बढ़ता है. उन्होंने पार्षद की अनोखे प्रयास का धन्यवाद दिया है. एक अन्य अभिभावक ने बताया कि बस स्टॉप पर बच्चों की बेसिक शिक्षा की पेंटिंग काफी अच्छी है.....
पार्षद जगदीश मधुकर ने बताया कि शिक्षालय बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए बनवाया है. 30 से 35 बच्चे स्कूल जाने के दौरान रोजाना बस स्टॉप पर आकर इंतजार करते हैं. इंतजार करने के समय बच्चे कुछ सीख सकें. छोटे बच्चे हैं, देखने पर जरूर सीखेंगे....
उनका कहना है कि स्कूल और घर पर बच्चे पढ़ते ही हैं, लेकिन बस स्टॉप पर खेल खेल में कुछ सीखने को मिलेगा. बच्चों को सीखाने के उद्देश्य से पार्षद निधि का इस्तेमाल किया गया है.....