भिलाई : उद्याेग विभाग द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों को संपत्तिकर में 50 फीसदी की छूट मिलेगा नगर निगम भिलाई की सामान्य सभा ने इस आशय के प्रस्ताव को बहुमत से मंजूरी दे दी वहीं जब विपक्ष की ओर से उद्योगपतियों के साथ-साथ शहर में निवासरत सभी गरीबों बीपीएल और अंत्योदय परिवारों, आवासी पट्टाधारियों, दिव्यांग, विधवा और परित्यक्ताओं को भी छूट देने का प्रस्ताव रखा गया तो सत्ता पक्ष में खामोशी छा गई कांग्रेस के जोन अध्यक्ष ने तो यहां तक कह दिया कि आधे से ज्यादा बीपीएल कार्डधारी फर्जी हैं....
इसे गरीबाें का अपमान बताते हुए भाजपा पार्षद सदन से बाहर निकल गए। सभापति गिरवर बंटी साहू ने केवल उद्योगपतियों को टैक्स में रियायत के प्रस्ताव को पारित होने की घोषणा की और राष्ट्रगान शुरू कर दिया। चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा पार्षद रिकेश सेन ने कहा कि अगर उद्योगपतियों को टैक्स में रियायत दे रहे हैं तो उसी औद्योगिक क्षेत्र में रहने वाले गरीब व श्रमिक परिवारों को भी क्यों राहत नहीं दे सकते? बीपीएल और अंत्योदय परिवारों, विधवा, परित्यक्ताओं और जरूरतमंद गरीब परिवार जिनके यहां कोई कमाने वाला नहीं है, उन्हें भी टैक्स में छूट दी जाए पार्षद पीयूष मिश्रा ने कहा कि उद्योगपतियों को संपत्ति कर के दायरे से बाहर रखने का फैसला कर ही लिया है तो विधवा, परित्यक्ता, दिव्यांग, बेसहारा को भी शामिल करें....
परित्यक्ता और दिव्यांग से टैक्स वसूली की जांच होगी
नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा ने निगम एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि विधवा, परित्यक्ता और दिव्यांग को पहले से ही टैक्स में रियायत है, लेकिन नगर निगम प्रशासन ऐसे पात्र लोगों को कोई जानकारी नहीं देता और उनसे पूरा टैक्स वसूल करता है उन्होंने ऐसे सभी लोगों से वसूले टैक्स की राशि समायोजित करने और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने कहा। जवाब में आयुक्त रोहित व्यास ने बताया कि फिलहाल उनके संज्ञान में ऐसा एक भी मामला अब तक नहीं आया है...
867 उद्योगपतियों को मिलेगी इससे राहत
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही महापौर नीरज पाल ने बताया कि प्रदेश सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को संपत्तिकर से भारमुक्त करने की घोषणा की है, ताकि औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों को आत्मनिर्भर होने में कुछ सहयोग मिल सके शहर में 188 सूक्ष्म, 234 लघु और 445 मध्यम कुल 867 औद्योगिक इकाइयां हैं, जो संपत्तिकर में छूट के दायरे में आएंगी इनसे निगम को 9.32 करोड़ रुपए संपत्तिकर मिलता है। पिछले वित्तीय वर्षों का बकाया जमा कराना होगा...