CHHATTISGARH

बिलासपुर महापौर ने शहर विकास के लिए SECEL से लगाई गुहार


बिलासपुर : महापौर ने शहर विकास और नागरिक सुविधाओं के लिए एसईसीएल से सहयोग मांगा है। उन्होंने सीएमडी को नौ बिंदुओं पर विकास कार्यों का प्रस्ताव सौंपा है। इनको सीएसआर मद से हरी झंडी देने की मांग की है। महापौर यादव ने शुक्रवार शाम एसईसीएल मुख्यालय में सीएमडी पीएस मिश्रा से मुलाकात की। इस दौरान महापौर ने उन्हें बताया कि बिलासपुर नगर निगम अब महानगर का रूप ले रहा है। राज्य सरकार का भी प्रयास है कि बिलासपुर जल्द ही महानगर के रूप में विकसित हो।

यही वजह है कि नगर निगम का विस्तार किया गया। इसके लिए दो साल पहले 15 ग्राम पंचायत, एक नगर पालिका और दो नगर पंचायत को नगर निगम सीमा में शामिल किया गया है। बिलासपुर सीमा अंतर्गत कई जनहित के कार्य कराए जाने हैं।

महापौर यादव ने कहा कि कोनी से सरकंडा होते हुए देवरीखुर्द स्थित चेकडेम तक अरपा नदी के दोनों किनारे तक बड़े नाले का निर्माण प्रस्तावित है, ताकि गंदा पानी शहरी क्षेत्र से अरपा नदी में प्रवाहित न होकर चेकडेम से आगे अरपा नदी में नाले की मदद से मिल जाए। नूतन चौक, इंदिरा विहार के ऊपरी भाग पर एक बड़े नाले का निर्माण कर कृषि विश्वविद्यालय के पास से कोनी मुख्य मार्ग पर प्रस्तावित कल्वर्ट के माध्यम से बारिश का पानी अरपा नदी में प्रवाहित करने की आवश्यकता है। ताकि इंदिरा विहार और नूतन चौक के आसपास के क्षेत्र में पानी का जमाव न हो। उन्होंने सीएमडी मिश्रा से बताया कि वसंत विहार चौक में अत्याधिक यातायात होने के कारण जाम की समस्या बनी रहती है।

सुव्यवस्थित यातायात के लिए चौक से लगभग 400-400 मीटर दोनों ओर सड़क का चौड़ीकरण जरूरी है। वर्तमान में इस चौक पर दुर्घटना की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने सिग्नल लाइट की व्यवस्था की है। प्रदेश के महत्वपूर्ण हास्पिटल अपोलो जाने के लिए वसंत विहार चौक के अत्याधिक भीड़ भरे क्षेत्र को पार करना पड़ता है। इससे अपातकाल में मरीजों को परेशानी होती है। वसंत विहार चौक से अपोलो हास्पिटल के गेट के पास से होकर जाने वाले लगभग 20 फीट चौड़े नाले के ऊपर स्लेब डालकर सड़क का निर्माण किया जा सकता है। इससे इमरजेंसी में गंभीर मरीज सीधे अस्पताल तक पहुंच सके। इस संबंध में लगभग एक साल पहले नगर निगम ने प्रस्ताव भी एसईसीएल में जमा किया है।


महापौर ने कहा कि निगम की सीमा में पांच स्थानों से प्रवेश किया जाता है। प्रवेश स्थान को चिन्हांकित करने के लिए रायपुर रोड, मुंगेली रोड, रतनपुर रोड, शिवरीनारायण रोड और सीपत रोड पर एसईसीएल द्वारा प्रवेश द्वार का निर्माण कर दिया जाए तो शहर की सुंदरता में चार चांद लग जाएगा। महापौर यादव ने सीएमडी मिश्रा को बताया कि अरपा नदी में जलकुंभी जमा होने की समस्या विकराल है। इससे आम नागरिकों को कई प्रकार की बीमारियां हो रही हैं। जलकुंभी को निरंतर साफ करने विशेष रूप से निर्मित उपकरण उपलब्ध है। इसे खरीदकर इसका निदान किया जा सकता है। इस संबंध में लगभग दो वर्ष पूर्व नगर निगम ने एसईसीएल को प्रस्ताव भी भेजा है।

मोपका में 10 एकड़ जमीन उद्यान के लिए आरक्षित

महापौर ने बताया कि मोपका में नगर निगम द्वारा लगभग 10 एकड़ भूमि उद्यान के लिए आरक्षित की जा रही है। इस पर एसईसीएल द्वारा सरकंडा क्षेत्र के नागरिकों के लिए एक खूबसूरत उद्यान का निर्माण किया जाना उचित होगा।

बिजली की जगह गैस आधारित शवदाह गृह की स्वीकृति दें

महापौर ने बताया कि विद्युत शवदाह गृह निर्माण के लिए एसईसीएल ने 149 लाख रुपए सीएसआर से स्वीकृत कर नगर निगम को एजेंसी बनाया है। कई तकनीकी कारणों और एनजीटी की गाइडलाइन के अनुसार विद्युत शवदाह गृह के स्थान पर एलपीजी गैस आधारित शवदाह गृह ज्यादा सुविधाजनक व उपयोगी है। इसलिए विद्युत शवदाह गृह के स्थान पर गैस आधारित शवदाह गृह की स्वीकृति देना उचित होगा। इस संबंध में नगर निगम आठ माह से पत्र व्यवहार कर रहा है।

You can share this post!