नगरीय निकायों को लेकर जब 11 दिसंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा इसके तीन से चार दिन बाद वार्ड वार आबादी के अनुसार आरक्षण की सूची आएगी ये तय होगा कि किस वार्ड से ओबीसी, SC-ST नेता चुनाव लड़ेंगे महापौर और पालिका अध्यक्ष बनने का सपना पाले हुए भाजपा और कांग्रेस के दावेदार इसी का इंतजार कर रहे हैं..
ढेबर बोले- मैं लडूंगा चुनाव
रायपुर में महापौर पद को लेकर अपनी दावेदारी वर्तमान महापौर एजाज ढेबर ने पेश कर दी है उन्होंने कहा कि हमारा संगठन तय करता है कि कौन चुनाव लड़ेगा अगर मुझे बोला जाएगा तो मैं भी चुनाव लड़ूंगा स्वाभाविक है कि मैं वर्तमान में महापौर हूं तो फिर महापौर की टिकट मांगूंगा...
हालांकि, आरक्षण सामान्य तय होगा तो दावेदारी हमारी भी रहेगी मैं इस बात को जवाबदारी के साथ कहना चाहता हूं कि कोई भी चुनाव लड़े, रायपुर में महापौर कांग्रेस पार्टी का ही बनेगा...
भाजपा और कांग्रेस नेताओं को आरक्षण आदेश का इंतजार
आरक्षण सूची जारी होनी है इसमें ये तय होता है कि पार्षद का चुनाव अलग-अलग वार्ड से OBC, महिला, ST या SC वर्ग का कैंडिडेट ही लड़ेगा इसी तरह इस बार माना जा रहा है कि महापौर पद को लेकर भी प्रदेश की सभी नगर निगमों में ये तय किया जाएगा...
इस वजह से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेताओं को आरक्षण आदेश का इंतजार है हालांकि, दाेनों ही दलों के नेताओं ने अपने स्तर पर लॉबिंग शुरू कर दी है...
अलग-अलग चरणों में होगा चुनाव, EVM के साथ बैलेट पेपर भी
2019 में हुआ पिछला नगर निगम चुनाव बैलेट पेपर से हुआ था इस बार चर्चा है कि नगर निगम, पालिका और पंचायत ये तीनों के चुनाव एक साथ होंगे एक साथ इनका ऐलान होगा हालांकि ये अलग-अलग चरण में होंगे...
शहरी चुनाव यानी की नगर निगम के चुनावों में EVM और पंचायत के चुनावों में बैलेट पेपर के इस्तेमाल पर विचार किया जा रहा है बैलेट पेपर की जरूरत इस वजह से पड़ सकती है, क्योंकि ज्यादा उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे...
पिछली बार निकाय चुनाव में मतदाताओं ने एक-एक वोट डाले थे, लेकिन इस बार पार्षद, मेयर और अध्यक्ष के लिए अलग-अलग वोट डाले जाएंगे...