गांवों के घरों में नल कनेक्शन पहुंचाने के काम की रफ्तार बहुत धीमी है। अब तक केवल 34 फीसदी घरों में ही नल कनेक्शन पहुंचाया जा सका है, जबकि राज्य सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत इस साल के अंत तक सभी घरों में नल कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है....
प्रदेश में अब तक 16 लाख से ज्यादा ग्रामीण परिवारों के घरों को नल कनेक्शन से जोड़ा जा सका है। जबकि 2023 के अंत तक प्रदेश के सभी 45 लाख 48 हजार ग्रामीण परिवारों को उनके घरों में मुफ्त नल कनेक्शन देकर शुद्ध जल उपलब्ध कराना है....
हर साल लक्ष्य से पिछड़ रहे
राज्य में ग्रामीण परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंचाने में छत्तीसगढ़ साल दर साल पिछड़ता जा रहा है। एक साल पहले 2021- 22 में 22 लाख 14 हजार घरों में नल जल कनेक्शन देने का लक्ष्य था लेकिन 2022 के अंत तक लगभग 16.5 लाख घरों तक ही कनेक्शन दिया जा सका। इसी तरह 2022- 23 में 11 लाख 37 हजार घरों तक नल पहुंचाने का लक्ष्य है, जिसे 31 मार्च 2023 तक पूरा करना है। यानि मार्च 2023 तक प्रदेश में 33.5 लाख घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाना होगा। वहीं, 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 के बीच शेष बचे 6 लाख 29 हजारों घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य है..
देश में नीचे से छठवीं रैंकिंग
ग्रामीण परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंचाने में छत्तीसगढ़ देश के पांच राज्यों से बेहतर स्थिति में है। यानि देश के पांच राज्यों में नल कनेक्शन की रफ्तार छत्तीसगढ़ से भी धीमी है। इसमें एक राज्य उत्तर प्रदेश भी है, जो रैकिंग में अंतिम पायदान पर है। यहां अब तक केवल 25 प्रतिशत घरों तक ही नल कनेक्शन पहुंचा है। बता दें कि पिछले साल से छत्तीसगढ़ की स्थिति बेहतर हुई है। पहले केवल तीन राज्य ही नल कनेक्शन देने की रैकिंग में छत्तीसगढ़ से नीचे थे...
डेली हर आदमी को 55 लीटर पीने का पानी
जल जीवन मिशन के तहत प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर के हिसाब से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। अब तक राज्य के 43 हजार 837 स्कूलों में, 41 हजार 646 आंगनबाड़ी केंद्रों और 17 हजार 248 ग्राम पंचायतों और सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्रों को नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल दिया जा रहा है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में 2022-23 के बजट में जल जीवन मिशन में एक हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है....