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निगम अफसरों की लापरवाही की वजह से करोड़ों की वॉटर एटीएम मशीन कबाड़ में तब्दील...

रायपुर : शहर में 2018 में बेहद जोर-शोर से 20 वॉटर एटीएम लगाए गए थे. इन मशीनों को वहां लगाया गया था जहां बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना है. मशीन लगाने का उद्देश्य यह था कि बाजार में खरीदी के दौरान या सड़कों पर आने-जाने के दौरान लोगों को पानी की प्यास लगे तो वो इन मशीनों से पानी ले सके. लेकिन एक-दो साल के बाद ही मशीनें खराब हो गई. उसके बाद से ही अब तक इन मशीनों को सुधारा तक नहीं गया है. निगम के किसी भी जोन के अफसर को इन मशीनों को सुधारने में कोई दिलचस्पी नहीं है..

निगम ने समय पर भुगतान नहीं किया

मशीन के रख-रखाव और किसी भी तरह की खराबी को ठीक करने के लिए निगम की ओर से टेंडर निकालकर एक ठेकेदार को यह काम दिया गया. कुछ महीनों तक ठेकेदार ने इसका मेंटेनेंस भी किया. लेकिन निगम की ओर से इसका भुगतान करने में देरी की गई. इससे नाराज ठेकेदार ने सभी मशीनों को निगम को हैंडओवर कर दिया. इसके बाद से ही मशीनों के खराब होने का सिलसिला शुरू हो गया. ज्यादातर मशीनें खराब होने के साथ ही उसमें जंग लग गया है..

वॉटर एटीएम के मेंटेनेंस का काम करने वालों ने बताया कि सभी वॉटर एटीएम में आरओ मशीन लगाना अनिवार्य है. क्योंकि शहर के बोर से निकलने वाले पानी का टीडीएस बहुत ज्यादा है. यही वजह है कि ये सभी एटीएम केवल यूवी वॉटर से काम नहीं कर सकते थे. लेकिन निगम वालों ने मशीन में लगे आरओ सिस्टम के खराब होने के बाद उसे कभी बदला ही नही. इस वजह से वॉटर एटीएम खराब होते गए. मशीनों से पानी सप्लाई का सिस्टम ही नहीं चल रहा है. ऐसे में अब सभी मशीनें कबाड़ होती जा रही हैं...


शहर में जहां-जहां वॉटर एटीएम लगाए गए थे वहां की पड़ताल की गई तो पता चला कि मशीन में सिक्का डालने में पर भी पानी नहीं निकलता है. मोती बाग के पास लगी मशीन सिक्कों को निगल जाती है, लेकिन पानी बाहर नहीं आता. एमजी रोड में लगी मशीन इतनी खराब हो गई है बाहर से केवल डिब्बे जैसी दिखाई देती है. पुराने निगम दफ्तर को तोड़ने के बाद अब वहां लगी मशीन भी हटा दी गई है. केनाल रोड में लगी मशीन भी पूरी तरह से बंद है. खालसा स्कूल के सामने लगी मशीन भी कबाड़ में तब्दील हो गई है.

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