CHHATTISGARH

निगम गार्डन के उद्यानों में फूड जोन योजना हुई फेल... अब प्राइवेट कंपनियों को प्रस्ताव- विज्ञापन लगाओ, मेंटेनेंस करो..


राजधानी के उद्यानों के पांच प्रतिशत हिस्से को फूड जोन के लिए ठेके पर देकर उसके मेंटनेंस की व्यवस्था करने का नगर निगम का प्लान फेल हो गया शहर के 20 से अधिक उद्यानों के लिए नगर निगम ने यह प्लान तैयार किया था सिर्फ नगर निगम मुख्यालय के सामने वाले गार्डन को ही वेंडर मिला पाया बाकी किसी गार्डन में वेंडरों या निजी एजेंसियों ने रुचि ही नहीं दिखाई। इसलिए नगर निगम ने नए कांसेंप्ट के साथ फिर से प्लान तैयार किया है....

इस बार निगम प्राइवेट कंपनी को गार्डन में विज्ञापन का अधिकार देगा उसके बदले में कंपनी को गार्डन के मेंटनेंस करना होगा शहर के उद्यानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लाया गया निगम का फूड जोन कांसेप्ट लगभग फेल हो चुका है इस प्रस्ताव के तहत निजी एजेंसी को गार्डन के कुल क्षेत्रफल का पांच प्रतिशत हिस्सा देना तय किया था...

एजेंसी को छूट थी कि वह उस हिस्से में फूड जोन खोलकर कमाई करे इसमें शर्त रखी गई थी कि कंपनी को उससे होने वाली आमदनी का कुछ हिस्सा निगम को और कुछ हिस्से से गार्डन का मेंटेनेंस करना होगा ये ऐसा कांसेप्ट था कि जिसमें निगम को गार्डन के मेंटनेंस पर एक रुपए भी खर्च नहीं करना था बल्कि आमदनी होनी थी...

लेकिन नगर निगम भवन के सामने स्थित गार्डन को छोड़कर किसी भी गार्डन में फूड जोन खोलने कंपनी सामने नहीं आई क्योंकि इसमें सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि शहर के ज्यादातर गार्डन सीधे मुख्य रोड से कनेक्ट नहीं हैं इसलिए कंपनियों ने अपने अंदरुनी सर्वे के जरिये ये पता लगा लिया कि वहां दिनभर ग्राहक नहीं आएंगे यही कारण है कि निगम ने कई बार टेंडर निकाले लेकिन एजेंसियां सामने नहीं आई

मेंटेनेंस नहीं इसलिए गार्डन की दशा खराब हो रही, नए फार्मूले पर करेंगे अमल

रोड से कनेक्ट और निगम में पहुंचने वाली भीड़ का फायदा

निगम भवन के सामने स्थित गार्डन दो ओर से मेन रोड से कनेक्ट है फूड जोन रोड से दिखता है निगम मुख्यालय होने के कारण दिनभर यहां पर चहल-पहल रहती है और गार्डन के आसपास भी व्यावसायिक और रिहायशी इलाके हैं इसी तरह की परिस्थिति कलेक्टोरेट गार्डन की भी है यहां के लिए कुछ एजेंलियों ने रुचि भी दिखाई थी, लेकिन जिला प्रशासन की आपत्ति की वजह से टेंडर निरस्त करना पड़ा...

गांधी उद्यान में भी सामने की तरफ फूड जोन बनाया जा रहा था इसे भी लोगों के विरोध के कारण बंद करना पड़ा बाकी किसी भी गार्डन में बेहतर लोकेशन नहीं मिला इसलिए निगम गार्डन के अलावा अन्य किसी गार्डन में फूड जोन कांसेप्ट सफल नहीं हो पाया....

शहर की ये संपत्तियां पीपीपी पर

तेलीबांधा तालाब और पार्क

कटोरा तालाब और पार्क

साइंस कालेज वेंडिंग जोन

नालंदा परिसर

कुछ दिक्कतों के कारण प्राइम लोकेशन के गार्डन में फूड जोन का प्लान सफल नहीं हो पाया अंदर के उद्यानों में कंपनियों ने रुचि नहीं ली इस बार विज्ञापन अधिकार देकर कंपनियों को आमंत्रित कर रहे हैं उनका प्रस्ताव पसंद आने पर टेंडर जारी किया जाएगा इससे गार्डन का मेंटनेंस भी होगा और निगम को राजस्व भी मिलेगा...

अबिनाश मिश्रा, कमिश्नर नगर निगम

You can share this post!