बिलासपुर : पूर्व मंत्री और भाजपा नेता अमर अग्रवाल ने पिछले 15 दिन से बिलासपुर बचाओ और विकास खोजो अभियान चलाकर वार्डों में जनसंपर्क किया। अपने इस अभियान के अंतिम दौर में उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि बिजली बिल हाफ और जनता की जेब साफ करने जैसे काम किया जा रहा है। नगर निगम में हर काम के लिए होटल के मैनू जैसे रेट लिस्ट तय है। राशन कार्ड के लिए तीन हजार रुपए, कब्जा प्रमाण पत्र के लिए पांच रुपए वसूली हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और शहर की जनता दोनों शहर विधायक को गंभीरता से नहीं लेते हैं। जनता ये मानती है कि वे विधायक ही नहीं है...
पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने बीते 19 दिसंबर को बिलासपुर बचाओ विकास खोजो अभियान शुरू किया था, जिसमें चार जनवरी तक नगर निगम कके 39 वार्डो में जनसंपर्क कर लोगों की समस्याएं सुनी और शिविर लगाकर उनकी समस्याओं से संबंधित आवेदन लिए गए..इस दौरान उन्हें मुख्य रूप से पेयजल, बिजली की अव्यवस्था, जर्जर सड़कों में सुधार, बजबजाती नालियों की साफ-सफाई जैसे मूलभूत समस्याएं शामिल हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास आबंटन संबंधित सैकड़ों और हजारों मांगे है..हर वार्ड और मोहल्लों में लोग सरकार के कार्यप्रणाली से नाराज हैं। सड़कों पर लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। वहीं दूसरी ओर इन सभी वार्डो में विद्युत व्यवस्था भी चरमरा गई है। बार-बार बिजली घंटों बंद हो जाना आम बात हो गई है। शहर की जनता विद्युत की लचर व्यवस्था से पूरी तरह त्रस्त हो गई है. ..
बिजली बिल हाफ, जनता का जेब साफ
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने बिजली बिल हाफ करने का ऐलान किया था। लेकिन, यह घोषणा भी लोगों के लिए छलावा है। बिजली बिल हाफ करने वाली सरकार ने अब सुरक्षा निधि और अन्य मदों में वसूली कर जनता पर बोझ बढ़ा दिया है, जिससे उनके घर का बजट बिगड़ रहा है। लोग विद्युत बिल के नाम पर इस प्रकार हो रही लूट खसोट को बंद करने की गुहार लगा रहे हैं. ..
15 दिन में मिले 8 हजार आवेदनपत्र
उन्होंने बताया कि 19 दिसंबर से 4 जनवरी तक 30 वार्डों में भ्रमण के दौरान उन्हें अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 8 हजार से भी अधिक आवेदनपत्र मिले हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने गरीबों के साथ छलावा कर उन्हें आवास विहीन कर दिया है। केन्द्र सरकार की इस आवास योजना को बंद कर गरीबों का हक छिन लिया है। आमजनों में इसे लेकर काफी आक्रोश है। इस महत्वपूर्ण योजना का क्रियान्वयन नहीं होने के कारण गरीब आवास विहिन परिवारों में भारी निराशा है. ..