गौरेला पेंड्रा मरवाही : जिले में अवैध प्लाटिंग का अवैध धंधा जोरों पर चल रहा है। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग से अनुमति लिए बिना किए जा रहे अवैध प्लाटिंग में सडक़, नाली, पेयजल की व्यवस्था व गार्डन आदि सुविधाएं नहीं है...इन सुविधाओं के लिए शासन के करोड़ो रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इससे शासन को दोहरा नुकसान हो रहा है...
मिली जानकारी के अनुसार जमीन के बिचौलियों के द्वारा आम जनता को कम कीमत पर प्लाट देने का लालच देकर उन्हें अंधेरे में रखा जा रहा है। ग्राहक भी नियम कायदे की जानकारी के अभाव में उनके चंगुल में फंसते जा रहे है। गौरेला पेंड्रा मरवाही शहर का कोई भी कोना इन जमीन के दलालों से अछूता नहीं है, जहां इनके द्वारा अवैध प्लाटिंग न किया जा रहा हो। करीब 3 वर्षों से चल रहे इस गोरखधंधे पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अवैध प्लाटिंग के खेल में नेताओं, पटवारी व राजस्व विभाग के अधिकारियों की भी भागीदारिता स्वाभाविक है। सबसे शर्मनाक बात तो यह है कि गौरेला पेंड्रा मरवाही को जिला बने 3 वर्षों से ज्यादा हो गया और इन 3 वर्षो से अवैध प्लाटिंग का सिलसिला जारी है। जिला बनते ही यहां मुख्यालय में कलेक्टर के बैठने से बहुतों की उम्मीदें जगी थी, लेकिन अवैध प्लाटिंग पर कोई कार्रवाई भी नही हो रही हैं.....
वर्तमान में पेंड्रा के भर्रापारा, ग्राम पंचायत बंधी, बचरवार ,पेंड्रा गौरेला रोड से लगी जमीनों पर अवैध प्लाटिंग कर हजारों की सख्या में प्लाट बेचने की तैयारी की जा रही है। मुख्यालय के चारों दिशाओं में हो चल रहे अवैध प्लाटिंग पर अधिकारियों की चुप्पी से कॉलोनाइजर के हौसले काफी बुलंद है....
कलेक्टर के आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला बनने के पहले ही शहर में अवैध प्लाटिंग का जाल फैला हुआ था। प्रशासन का उन पर कोई दबाव नहीं था। गौरेला पेंड्रा मरवाही के जिला बनते ही जमीन बिचौलियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हो गई। जिला बनने के बाद से यहां कलेक्टर का बैठना प्रारंभ हो गया। लेकिन अभी तक किसी कॉलोनाइजर पर नियमानुसार कार्रवार्द नही हुई। जिला प्रशासन के पास कई बार लिखित शिकायत भी की जा चुकी है फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई....