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आर्थिक तंगी से गुजर रहा है नगर निगम..सामुदायिक शौचालयों, बिजली, पोल ,गार्डन को प्राइवेट करने की तैयरी....


नगर निगम भिलाई की आर्थिक हालत खराब है...खुद के अधिक को वेतन नहीं दे पा रहा है... नगर निगम कि स्थिति ऐसी है कि नवम्बर से निगम कर्मचारी और अधिकारियों को वेतन नहीं मिला है कंगाली की स्थिति निर्मित होने के बाद अब जाकर निगम प्रशासन ने सबक लिया है... 

अधिकारी निगम का खर्च घटाने और आय बढ़ाने की योजना बना रहे हैं कम से कम खर्च में निगम चल जाए, इसकी कोशिश की जा रही है यहां तक की अधिकारियों को देने वाले डीजल में भी कटौती करने का प्लान कर रहे हैं.... 

खर्च कम करने की यह पहल 

प्रिंटिंग स्टेशनरी- 2.32 लाख रुपए हर माह प्रिंटिंग व स्टेशनरी में खर्च होता है इसे भी कम करके आधा करेंगे सभी विभागों में कहा गया है कि कम से कम कागज का उपयोग करें अन्य स्टेशनरी में भी मितव्ययता बरतें.... 

टेलीफोन बंद करेंगे, मोबाइल के जमाने में निगम प्रशासन टेलीफोन के नाम पर हर माह 34500 रुपए खर्च कर रहा है जबकि सभी के पास मोबाइल है इसे पूरी तरह से बंद किया जाएगा... 

उद्यान एजेंसी को देंगे- निगम क्षेत्र में 110 उद्यान हैं देखरेख में 90 कर्मचारी की ड्यूटी लगाते हैं हर माह 11.60 लाख रुपए भुगतान करते है। खाद व अन्य खर्च मिलाकर साल में डेढ़ करोड़ खर्च होता है अब उद्यानों को प्राइवेट एजेंसी के हाथों देंगे... 

आय बढ़ाने के लिए नगर निगम का प्लान

खाली जमीन किराए पर देंगे भिलाई निगम अब तक प्लाॅट बेच रहा था, लेकिन अब ऐसे प्लाॅट जिसे बेच नहीं सकता, उसे निगम किराए में देगा इसके लिए सर्वे भी शुरू हाे चुका है.... 

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