प्रदेश में नगरीय निकायों के आरक्षण की स्थिति 20 दिसंबर तक स्पष्ट हो जाएगी इसमें नगरीय प्रशासन विभाग ओबीसी कल्याण आयोग की सिफारिशों पर अमल करेगा एक अनुमान के अनुसार प्रदेशभर में 14 नगर निगमों में 208 ओबीसी पार्षद हो सकते हैं...
नगरीय प्रशासन विभाग ने ओबीसी आयोग की सिफारिशों के अनुसार 19 दिसंबर तक कलेक्टरों को पार्षद पद का आरक्षण करने को कहा है इसके अगले ही दिन विभाग महापौरों का आरक्षण तय कर सकता है सूत्रों के मुताबिक ओबीसी के सबसे अधिक 23-23 पार्षद रायपुर, भिलाई व दुर्ग नगर निगमों में हो सकते हैं...
इसके अलावा बीरगांव और धमतरी नगर निगमों में 13-13 ओबीसी के पार्षद बन सकते हैं इसी तरह बिलाई-चरौदा निगम में 11 और रिसाली में 10 ओबीसी पार्षद रहने की संभावना है विभाग की माने तो बिलासपुर निगम में 18, राजनांदगांव निगम में 16, कोरबा निगम में 16, अंबिकापुर में 12, रायगढ़ में 11, चिरमिरी और जगदलपुर में 9-9 ओबीसी पार्षद का आरक्षण तय माना जा रहा है...
तीन दशक में 4 से 14 हुए नगर निगम 19 निकायों में फिलहाल चुनाव नहीं
प्रदेश में नगरीय निकायों की रणभेरी जल्द ही बजने वाली है कुल 19 निकायों में अभी चुनाव नहीं होंगे राज्य सरकार ने अपनी ओर से नियमों में बदलाव, आरक्षण, अध्यादेश समेत कई काम लगभग पूरे कर लिए हैं बची प्रक्रिया विधानसभा के शीतसत्र में पूरी कर ली जाएगी राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से अधिसूचना जारी होने वाली है वार्डवार व निकायवार आरक्षण का काम कलेक्टरों की ओर से होना बाकी है राज्य स्तर पर यह प्रक्रिया नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग करेगा...
अविभाजित मध्यप्रदेश में 1993-94 में पहली दफे नगरीय निकाय चुनाव हुए थे तीन दशकों में तब और अब में छत्तीसगढ़ में बड़ा बदलाव आया है नगरपालिक अधिनियम 1956 के कई नियमों में संशोधन हुए हैं प्रदेश, जिलों व निकायों की सीमाएं बदली हैं...
पंचायतों में भले ही महिलाओं के लिए आरक्षण 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है, लेकिन निकायों में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत ही सीटें रखी जाती हैं प्रदेश में जब पहली बार निकाय चुनाव हुए तब अविभाजित मध्यप्रदेश के छत्तीसगढ़ में केवल चार रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव और दुर्ग नगर निगम थे...
अब इनकी संख्या 14 हो गई है बिलासपुर में नगर निगम के अलावा 3 नगरपालिकाएं और 12 नगर पंचायतें थीं रायपुर में नगर निगम के अलावा 5 नगरपालिकाएं और 8 नगर पंचायतें थीं दिलचस्प है कि दुर्ग में एक भी नगरपालिका परिषद नहीं थी अलबत्ता वहां 6 नगर पंचायतें जरूर थीं इसी तरह राजनांदगांव में 2 नगरपालिकाएं और पांच नगर पंचायतें थीं..
बस्तर में नगर निगम व नगर पंचायतें नहीं थी, जबकि केवल तीन नगरपालिकाएं थीं रायगढ़ में 1 नगरपालिका निगम और 6 नगर पंचायतें, सरगुजा में दो नगर पालिका व चार नगर पंचायतें थीं यह भी जानकर आपको हैरानी होगी उस वक्त बैतूल जिले में हुए नगरीय निकाय चुनाव को राज्य निर्वाचन आयुक्त एन.वी लोहानी ने सबसे बेहतर माना था तब वहां कलेक्टर डॉ. सुशील त्रिवेदी थे...
राष्ट्रीय दलों के चुनाव चिन्ह
पहले निकाय चुनाव में राष्ट्रीय दलों ने अपने चुनाव चिन्हों पर चुनाव लड़ा था इनमें इंडियन नेशनल कांग्रेस ने पंजा, भारतीय जनता पार्टी ने कमल, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ने बाली और हंसिया, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी ने हथौड़ा, हंसिया और सितारा जनता दल ने चक्र (पहिया) तथा जनता पार्टी ने चक्र में हलधर पर चुनाव लड़ा था तब बहुजन समाज पार्टी राज्य स्तरीय दल था उसने हाथी छाप पर चुनाव
लड़ा था...