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नगर निगम की लापरवाही...यूजर चार्ज वसूल रहा निगम लेकिन कचरा गाड़ियां आ रही हैं या नहीं...मॉनिटरिंग नहीं

Raipur News : शहर में घरों से कचरा लेने के लिए नगर निगम प्रापर्टी टैक्स के साथ एकमुश्त यूजर चार्ज वसूल रहा है यह अनिवार्य रूप से देना पड़ रहा है इसके बावजूद नगर निगम या ठेका कंपनी के अफसर इस बात की मानिटरिंग नहीं कर रहे हैं कि जो लोग पैसे दे रहे हैं उनके घरों से नियमित तौर पर कचरा लिया जा रहा है या नहीं? अभी भी लगभग 30 फीसदी घरों तक कचरा लेने के लिए गाड़ियां पहुंच ही नहीं रही हैं..... 

निगम कमिश्नर की बैठक में इसकी शिकायत की जा चुकी है अब निगम ये पता लगा रहा है कि कौन कौन से इलाके में कचरा गाड़ियां नहीं पहुंच रही हैं नगर निगम ने कचरा लेने और उसे वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने के लिए एमएसडब्ल्यू साल्यूशन कंपनी (रामकी) को ठेका दिया है... 

कंपनी की जिम्मेदारी है कि वे घर-घर पहुंचकर लोगों से गीला व सूखा कचरा ले कंपनी इस कचरे को ट्रेंचिंग ग्राउंड लेकर जाएगी और वहां पर खाद बनाने सहित रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया करेगी इसके एवज में निगम कंपनी को सालाना 35 करोड़ भुगतान कर रहा है कंपनी को भुगतान की जाने वाली यह राशि नगर निगम आम लोगों से वसूल रहा है... 

इसे ही यूजर चार्ज नाम दिया गया है घरों से यह 40 रुपए से लेकर 100 रुपए महीना है व्यावसायिक संस्थानों, अस्पतालों, मॉल्स इत्यादि से व्यावसायिक दरों पर यूजर चार्ज वसूला जा रहा है बड़े-बड़े संस्थानों और मुख्य सड़कों के घरों से कचरा गाड़ियां सरलता से कचरा ले पा रही हैं, लेकिन संकरी गलियों में रामकी कंपनी की गाड़ियां अभी भी नहीं पहुंच रही हैं.... 

शहर की पुरानी बसाहट वाले इलाके ज्यादातर संकरी गलियों में बसे हुए हैं कंपनी को ऐसी गलियों में खुद पहुंचकर कचरा लेना था इसके लिए हैंड कार्ट इत्यादि की व्यवस्था करने का प्रावधान था कंपनी के कर्मचारी जहां गाड़ियां नहीं पहुंच सकतीं, वहां हैंड कार्ट लेकर कचरा कलेक्शन करना था ऐसा नहीं किया जा रहा है... 

कुछ-कुछ घर मुख्य सड़कों से दो-तीन सौ फीट अंदर गली में हैं गाड़ियों में रहने वाले ड्राइवर और कंडक्टर न तो इन गलियों में पहुंचते हैं और ना ही गली के मुहाने में सड़क पर ज्यादा देर रुकते हैं। लोगों के पहुंचने से पहले ही गाड़ी भाग जाती है... 

कहां शिकायत करें, यह भी पता नहीं

गाड़ियां नहीं पहुंचने पर शिकायत करने के लिए नगर निगम ने पांच साल पहले जब व्यवस्था शुरू हुई थी तब एक नंबर जारी किया था टोलफ्री नंबर 18002709992 पर लोगों से शिकायत करने के लिए कहा गया था शुरुआत में लोगों ने शिकायतें भी कीं, उनका निदान भी हुआ शिकायत के बाद भी व्यवस्था नहीं सुधरी या सुधरने के कुछ दिन बार फिर पुराने ढर्रे पर पहुंच जाती थी इसलिए लोगों ने फोन करना ही बंद कर दिया.... 

लोग यूजर चार्ज दे रहे हैं तो यह निगम की जिम्मेदारी है कि उनके घरों से नियमित तौर पर कचरा लियाजाए कंपनी को कहा गया था कि घरों तक गाड़ियां नहीं पहुंच पा रही हैं तो हैंडकार्ड से संकरी गलियों में कर्मचारी भेजें ऐसा नहीं हो रहा तो पेनाल्टी लगाएंगे.... 

एजाज ढेबर, महापौर रायपुर


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