Raipur : मोवा ओवरब्रिज मामले में अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है अफसरों ने डामरीकरण के बाद थिकनेस की जांच किए बिना ही यातायात को शुरू कर दिया था जानकारी के मुताबिक सड़क की थिकनेस कहीं 30 एमएम तो कहीं 25 एमएम थी...
जबकि यह 40 एमएम होनी चाहिए थी इसलिए पंडरी से मोवा जाने वाली लेन की थिकनेस की भी जांच होनी चाहिए बता दें कि भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद अब ओवरब्रिज से डामर को उखाड़ा जा रहा है सोमवार को डस्ट की सफाई की जाएगी फिर नए सिरे से डामरीकरण होगा दूसरी तरफ रविवार को भी पीडब्ल्यूडी की जांच टीम ओवरब्रिज पहुंची और डामर-गिट्टी का सेंपल अपने साथ ले गई टीम जांच रिपोर्ट विभाग को सौंपेगी...
ठेका एजेंसी को 40 एमएम निकालना है डामर
मोवा-सड्डू की लेन को 40 एमएम उखाड़ना है ठेका एजेंसी अलग-अलग हिसाब से डामर उखाड़ रही है कुछ जगहों पर अंतिम परत तक डामर निकाला गया है तो कुछ जगहों पर कम निकाला गया है..
जांच रिपोर्ट आज
पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव ने मुख्य अभियंता को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी थी मंगलवार को तीन दिन पूरे हो जाएंगे उम्मीद है कि शाम तक मुख्य अभियंता अपनी रिपोर्ट सौपेंगे इसके बाद ही खुलासा हो पाएगा कि डामरीकरण के दौरान कहां चूक हुई थी