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लाखों की दुकानें हो रही है खंडहर अफसरों की लापरवाही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा...

बिलासपुर :  सरकारी भवन, संपत्ति जिम्मेदारों की लापरवाही से किस प्रकार बर्बाद होती है, उसका एक उदाहरण यदुनंदन नगर में बाजार चौक हनुमान मंदिर के पास निर्मित 46 दुकानें हैं मेन रोड में तिफरा से यदुनंदन नगर के रास्ते में बनाईं ओर निजी दुकानें, कांप्लेक्स देखरेख से आबाद हैं और बिना देखरेख के निगम का अच्छा खासा मार्केट उजाड़ पड़ा है। गिनती की कुछ दुकानें चल रही हैं शेष दुकानें या तो बंद हैं या फिर जिनके शटर चोरी हो गए हैं, वहां दिन में भी लोग नशाखोरी करते पाए गए..... 

वार्ड पार्षद सीमा संजय सिंह की मानें तो रात में यहां असामाजिक तत्वों का डेरा रहता है आम लोगों को इनसे परेशानी होती है। हैरत की बात यह है कि निगम को इनमें से अधिकांश दुकानों का किराया भी नहीं मिल रहा है वहीं दूसरी ओर इनसे किराया लेने अबतक किसी ने सुध भी नहीं ली है दूसरी ओर अफसरों को खुद नहीं मालूम कि ये दुकानें किस योजना के अंतर्गत बनी हैं ऐसी स्थिति में अंदाजा लगाया जा सकता है कि निगम की संपत्ति की बर्बादी में किराएदारों से ज्यादा अफसर जिम्मेदार हैं?

दुकानें बीडीए और नपा ने बनाईं...

बाजार चौक की जिन 46 दुकानों का आधिपत्य नगर निगम के पास है, उसकी योजना/ निर्माण के बारे में अफसरों को ठीक ठीक पता नहीं है। यह भी अजीब बात है कि तिफरा जोन के अंतर्गत आने वाली इस संपत्ति की देखरेख संपदा/बाजार विभाग से हो रही है। विकास भवन में बैठने वाले अफसर यहां कभी झांकने तक नहीं गए। ‘दैनिक भास्कर’ ने अलग अलग अधिकारियों से बातचीत की तो किसी ने बीडीए के कार्यकाल में तो किसी ने तिफरा नगर पालिका द्वारा मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत निर्माण की जानकारी दी। बड़ा सवाल यह है कि अफसरों को यह भी पता है कि नहीं? दुकानों का किराया नियमित मिल रहा है या फिर बिना आबंटन के बेजा कब्जा की भेंट चढ़ चुका है.... 

बीडीए का अलाॅटमेंट

बाजार चौक की दुकानों के बारे में नए जोन कमिश्नर चूंकि हाल ही में कार्यभार ग्रहण किए हैं, इसलिए उन्हें पता नहीं है। पूर्व जोन कमिश्नर प्रवेश कश्यप के मुताबिक बाजार चौक की दुकानों का निर्माण व आबंटन बिलासपुर विकास प्राधिकरण के कार्यकाल में हुआ है। बीडीए के विलय के बाद यह नगर निगम की संपत्ति है उन्होंने बताया कि इनकी देखरेख संपदा विभाग से होती है.... 

बाजार चौक, यदुनंदन नगर की दुकानें किस योजना के अंतर्गत बनी हैं और इनका किराया निगम को क्यों नहीं मिल रहा है? -मु॰ख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत बाजार बना था दुकानों के आबंटन किराया के बारे में संज्ञान लेकर कार्यवाही की जाएगी, ताकि राजस्व आय हो सके... 

ऐसे आबाद होगा बाजार

गणेश चौक स्थित महिला समृद्धि बाजार के आबंटियों से लंबे समय से किराया नहीं मिल रहा था। निगम की नोटिस, कार्रवाई के बाद पैसे जमा होने लगे हैं। यदुनंदन नगर मार्केट के सामने रिक्त जगह में बनाईं ओर की निजी दुकानों की तर्ज पर शो रूम आदि का निर्माण कर किराए पर उठाया जा सकता है पूर्व निर्मित दुकानों के आबंटियों जिनसे किराया नहीं मिल रहा है, उनका आबंटन निरस्त कर उन्हें नए सिरे से आबंटित किया जा सकता है। या तो निगम इनकी स्वयं मरम्मत कर आबंटन करे या फिर नए आबंटन की शर्तों में तुरंत सुधार किया जाए इससे निगम को प्रीमियम में लाखों रुपए तथा प्रति माह किराया से राजस्व आय होगी.... 

बेजा कब्जा में दुकानें आबाद

बाजार तिकोने आकार का है और सामने की रिक्त जगह पर लोगों ने बेजा कब्जा कर होटल, पान तथा दीगर चीजों की दुकानें खोल रखी हैं। निकासी के लिए बनी नाली सफाई व मेंटेनेंस के अभाव में टूट फूट गई है। बारिश के दिनों में यहां पानी भर जाता है.... 

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