CHHATTISGARH

45 करोड़ की दुकानें बिकी नहीं कहीं बुलडोजर चलाया कहीं बनाया गोदाम अब 14 करोड़ का नया कॉम्प्लेक्स...

Raipur : स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 5 साल पहले मालवीय रोड पर स्थित जवाहर बाजार को संवारा गया लेकिन यहां इतनी छोटी-छोटी दुकानें बना दी कि शहर के सबसे प्राइम लोकेशन पर होने के बावजूद 16 दुकानें निगम अब बेच नहीं पाया है हार्ट ऑफ द सिटी कहे जाने वाले जयस्तंभ चौक के पास मंगलम मल्टीलेवल पार्किंग के तीसरे-चौथे फ्लोर का हॉल खाली है क्योंकि इसका इंट्रेंस ही गड़बड़ है देवेंद्रनगर में मॉल के पीछे ऐसी जगह दुकानें बनाईं कि एक भी नहीं बिकी आखिर उसमें थाना खोलना पड़ा इसी के बाजू मॉल जाने वाली रोड के किनारे इतनी छोटी-छोटी दुकानें बना दी कि चाय का ठेला चलाना भी मुश्किल था...

एक भी खरीददार नहीं आया आखिरकार उसे बुलडोजर चलाकर तोड़ना पड़ा। ऐसी 98 से ज्यादा दुकानें खाली पड़ी हैं इन पर करोड़ों खर्च करने के बाद भी निगम प्रशासन ने कोई सबक नहीं किया और 14 करोड़ की लागत से शास्त्री बाजार सब्जी मार्केट के पीछे हाईजेनिक कांप्लेक्स के नाम पर बिल्डिंग तान दी अब यहां की 84 दुकानें नहीं बिक रहीं, क्योंकि यहां पहुंचने के लिए रोड इतनी संकरी है कि दो वाहन एक साथ आ-जा ही नहीं सकते...

संकरी सड़क पर 34 करोड़ का मार्केट, नहीं मिल रहे खरीदार

इसके बावजूद निगम ने इन दुकानें की कीमत इतनी ज्यादा रख दी है कि पहले टेंडर में तो खरीदी के लिए एक भी आवेदन नहीं आया निगम की ओर से जारी टेंडर के अनुसार कांप्लेक्स के ग्राउंड फ्लोर की एक दुकान की कीमत 33 लाख, फर्स्ट फ्लोर की 24 लाख, सेकेंड फ्लोर की 21 लाख और थर्ड फ्लोर की दुकानों की कीमत 18 लाख रुपए रखी गई थी इसमें किसी भी दुकान के लिए किसी ने कोई बोली नहीं लगाई...

देवेंद्र नगर में नहीं बिकीं दुकानें तो तुड़वा दिया

देवेंद्र नगर थाने के पास और हाट बाजार के पास रायपुर विकास प्राधिकरण ने 1993-94 में करीब 50 गुमटियां बनाई थीं आरडीए ने उस वक्त प्रोजेक्ट पर 10 से 15 लाख खर्च किए थे ये गुमटियां आज तक किसी को अलॉट ही नहीं हो पाईं और अब जर्जर होकर टूट-फूट गई एक हिस्से में थाना खुल गया बाकी दुकानों में कबाड़ भर दिया गया है इसी के बावजूद नाले के ऊपर छोटी छोटी दुकानें बनाईं गईं थी, उनका साइज इतना छोटा था कि आखिर आरडीए को ही बुलडोजर चलाकर तोड़ना पड़ा..

कीमतें राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार तय की जाती हैं इसपर शासन ही कोई फैसला ले सकता है पूर्व में दुकानों को किराए पर देने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था यह मंजूर नहीं हो पाया खाली पड़ी दुकानों का उपयोग किया जाएगा, जिससे वे खराब नहीं हो इस बारे में जल्द ही कोई योजना तैयार करेंगे....

 अबिनाश मिश्रा, कमिश्नर नगर निगम रायपुर

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