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प्रदेश के स्वच्छता मॉडल की चर्चा दूसरे प्रदेशों में लेकिन....अपने ही मॉडल को क्यों नहीं अपना रहा दूजा नगर निगम....

रायपुर : राज्य की उत्तरी सीमा पर स्थित अंबिकापुर शहर के कचरा प्रबंधन माडल की देशभर में चर्चा हो रही है। अपनी श्रेणी के स्वच्छ शहरों की सूची में अंबिकापुर लगातार देशभर में प्रथम स्थान पर बना हुआ है। यही कारण है कि यहां के स्वच्छता माडल का अध्ययन करने के लिए दूसरे राज्य की टीमें पहुंच रही हैं... 

विचारणीय यह है कि अंबिकापुर माडल को हमारे राज्य के दूसरे शहर क्यों नहीं अपना पा रहे हैं? राजधानी रायपुर, भिलाई, बिलासपुर, राजनांदगांव सहित अन्य शहरों में स्वच्छता की जिम्मेदारी संभाल रहे जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों को मंथन करना चाहिए कि स्वच्छता में जनभागीदारी सुनिश्चित करने में कहां चूक हो रही है। स्वच्छता से जुड़े लोगों के लिए इस कार्य का लाभकारी होना भी आवश्यक है.... 

अंबिकापुर के स्वच्छता माडल को देखें तो यह स्वच्छता दीदियों के अथक परिश्रम और समुचित प्रबंधन का परिणाम है। स्वच्छता दीदियों ने मात्र नगर को स्वच्छ ही नहीं किया है, यहां से निकलने वाले कचरे को अपनी आय वृद्धि का माध्यम भी बना लिया है। स्वच्छता के इस पुनीत कार्य में अंबिकापुर स्वच्छ मिशन फेडरेशन की 475 महिलाएं जुड़ी हैं। इनके प्रयासों का परिणाम है कि अंबिकापुर में कचरा प्रबंधन लाभकारी बन चुका है और शहर को कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं... 

घर-घर जाकर कचरा संग्रहण, उसकी छंटाई, सूखे कचरे का कबाड़ के रुप में ब्रिक्री, गीले कचरे से कंपोस्ट खाद का बनाने आदि सभी काम महिलाओं का यह समूह करता है। इनकी सफलता की अनुगूंज देश-विदेश में है। नेपाल से भी टीम यहां पहुंची। स्वछता माडल को देखने के लिए देश के 22 महानगरों व सौ से अधिक शहरों से टीमें आ चुकी हैं... 

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों को प्रस्ताव भेजा कि वह कचरा प्रबंधन करने वाले शहरों में अपने दलों का भ्रमण कराएं। मिजोरम, असम, नगालैंड, मणिपुर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर व केरल ने भ्रमण के लिए अंबिकापुर का चयन किया। भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए यहां का कचरा प्रबंधन प्रशिक्षण का विषय बन गया है... 

कुछ प्रयास किए गए परंतु सफल नहीं रहे। उचित होता कि प्रदेश के अन्य नगरीय निकाय भी इस तरह का माडल बनाएं जो स्वच्छता को लाभकारी बना सके। इसके लिए स्थानीय जन प्रतिनिधियों को नेतृत्वकारी भूमिका निभाते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को बेहतर परिणाम के लिए प्रेरित करना होगा.... 

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