भिलाई स्टील प्लांट ही नहीं प्रदेश में अपनी अलग पहचान रखने वाले भिलाई इस्पात संयंत्र के अग्निशमन विभाग के कर्मचारी दोहरे व्यवहार का शिकार हो रहे हैं। विभाग के कर्मचारी रोजाना कहीं न कहीं जान की बाजी लगा न केवल संयंत्र में जन और धन की हानि को रोकते हैं, बल्कि संयंत्र के बाहर भी संयंत्र का गौरव बढ़ाते हैं..
बावजूद जवानों को न प्रमोशन में वरीयता मिलती है, न ही सुविधाओं में। दमकल कर्मी लगातार संयंत्र के अंदर काम करते हैं, लेकिन इंसेंटिव तथा अन्य सुविधाएं नॉन वर्क्स एरिया का दिया जाता है जोकि वर्क्स कर्मचारियों से काफी कम है...
भिलाई स्टील प्लांट के अग्निशमन विभाग के कर्मी जहां पूरे अनुशासन के साथ वर्दी की नौकरी कर रहे हैं। वहीं उनके भत्ते इंसेंटिव सयंत्र के अंदर काम कर रहे अन्य कर्मियाें से काफी कम है। केंद्र सरकार के सातवें वेतन आयोग के तहत अग्निशमन विभाग के अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों को हार्डशिप अलाउंस या जोखिम भत्ता की अनुशंसा की गई है...
इसके तहत अग्निशमन कर्मचारियों को 2500 से 3400 रुपए तक प्रति माह भुगतान करने की व्यवस्था है। संयंत्र के ये अग्निशमन कर्मचारी दिन के 24 घंटे लगातार तैनात रहते हैं वहीं संयंत्र के साथ साथ आसपास के शहरी इलाकों में भी दुर्घटना की स्थिति में सेवा देते हैं। इतनी कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं......
कई साहसी कर्मी, अधिकारी खो चुका फायर विभाग
इस्पात श्रमिक मंच के सलाहकार सर्वजीत सिंह का कहना है कि इस समस्या को प्रबंधन से चर्चा कर निराकरण की कोशिश करेंगे। बीएसपी में कोक ओवन में 9 अक्टूबर 2018 और उसके पहले भी कई दुर्घटनाओं में बीएसपी होनहार एवं दिलेर फायर कर्मी व अधिकारी खो चुका है। हमें भिलाई फायर सर्विस विभाग के कर्मचारियों की सुविधाओं एवं भत्तों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। प्लांट की हर बड़ी से बड़ी दुर्घटना टाल देते हैं....