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रायपुर में गिरता भूजल स्तर लोगों की चिंता का सबब बनता जा रहा है...आईए जानते हैं शहर की स्थिति क्या है ?

रायपुर : जल ही जीवन है, बिन जल सब सून. ये पंक्तियां बताती है कि पानी का हमारे जीवन में कितना ज्यादा महत्व है. लेकिन जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है,वैसे-वैसे भूजल स्तर में कमी हो रही है. इससे रायपुर शहर भी अछूता नहीं है. जल संरक्षण विशेषज्ञ की माने तो एक समय रायपुर में ढाई सौ 300 फीट नीचे पानी मिल जाता था. लेकिन आज के समय में 800 फीट नीचे पानी चला गया है.कई जगह पर तो इससे नीचे भी पानी है. वही गर्मी के बीच मौसम में कई बोर सूख भी जाते हैं. जल संरक्षण विशेषज्ञ का मानना है कि भूजल स्तर गिरने के पीछे कई कारण है, उसे पर विचार करने की जरूरत है. वहीं कई ऐसे उपाय हैं, जिससे गिरते भू-जल स्तर को रोका जा सकता है. लेकिन उसके लिए शासन प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को भी जागरूक होना होगा, तभी हम आने वाली पीढ़ी को पानी की समस्या से निजात दिला सकते हैं..


800 फीट नीचे चला गया भूजल स्तर

जल संरक्षण विशेषज्ञ डॉ विपिन दुबे कि माने तो कुछ साल पहले शंकर नगर सिविल लाइन क्षेत्र में लगभग 300 से 400 फीट नीचे पानी मिल जाता था. लेकिन आज 800 फीट नीचे तक पानी नहीं मिल रहा है. देवपुरी क्षेत्र में 300 फीट पानी मिल जाता था, लेकिन अब लगभग 800 फीट नीचे पानी चला गया है. इसी तरह कचना इलाके की बात की जाए तो वहां पहले लगभग 400 फीट नीचे पानी था. लेकिन अब लगभग 700 से 800 फीट नीचे पानी चला गया है.वहीं सड्डू क्षेत्र में भी लगभग 400 फीट की गहराई में पानी मिल जाता था. लेकिन अब 800 फीट के नीचे भी कई जगह पर पानी नहीं है. वही भनपुरी क्षेत्र में भी पहले 300 से 400 फीट नीचे पानी मिलता था, लेकिन आज 800 से 1000 फीट नीचे पानी चला गया है. राजेंद्र नगर की बात की जाए तो यहां भी 300 से 400 फीट नीचे पानी था, लेकिन आज की स्थिति में 600 से 800 फीट नीचे पानी चला गया है..

रायपुर में कहां कितना भूजल स्तर 

राजधानी के गिरते भूजल स्तर को लेकर छत्तीसगढ़ जल प्रबंधन एवं अनुसंधान समिति के अध्यक्ष और जल संरक्षण विशेषज्ञ डॉ. विपिन दुबे का कहना है कि राजधानी रायपुर में पिछले कुछ वर्षों में लगातार भू-जल स्तर गिरते जा रहा है. दलदल सिवनी, खमतराई, उरला, भनपुरी, न्यू राजेंद्र नगर, फाफाडीह ये रायपुर शहर के आसपास के क्षेत्र है.इन सभी क्षेत्रों में हर साल भू-जल स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है. इसके अलावा कुछ ऐसे क्षेत्र भी है जहां भूजल स्तर वर्तमान में कुछ हद तक ठीक है. उनमें खारून नदी के आसपास का क्षेत्र शामिल है. चांगोरभाटा, सुंदर नगर, लाखे नगर, संतोषी नगर, विनायक विहार और सरोना यह वह क्षेत्र है, जहां भू-जलस्तर थोड़ा ठीक है. इसके अलावा ब्राह्मणपारा, सदर बाजार सहित उसके आसपास का क्षेत्र है , जहां भू-जलस्तर अभी भी ठीक स्थिति में है.लेकिन हाल ही में जो रिंग रोड का निर्माण हुआ है.उससे लगी हुई जितनी भी कॉलोनी है. वहां पहले सामान्य रूप से 400 फीट नीचे पानी था.लेकिन अब अधिकांश जगह 800 फीट नीचे तक पानी चला गया है..

बारिश के पानी को रोकना बहुत जरुरी 

डॉ विपिन दुबे ने कहा कि गिरते भूजल स्तर को ठीक करने के लिए बारिश के पानी का संरक्षण करना होगा. छत पर गिरने वाले पानी को वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए रिचार्ज करना होगा. गांव में किसानों के द्वारा भूजल का दोहन होता है. हर किसान को पता होता है कि खेत में पानी कहां रुकता होता है. उन जगहों पर डाबरी का निर्माण कर, गिरते पानी के स्तर को सुधर जा सकता है. ऐसे कामों के लिए शासन को आगे आना होगा. लोगों को जागरूक करना होगा. तभी हम जल संरक्षण कर सकेंगे.

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