Raipur : शहर में यूनीपोल लगाने वाली एजेंसियों पर निगम के अफसर इस कदर मेहरबान है कि उन्हें कई तरह की रियायतें दी जा रही है टेंडर के 15 दिन के भीतर 30 प्रतिशत रकम लेना है दो महीने के भीतर शेष 70 प्रतिशत रकम भुगतान नहीं करने पर टेंडर निरस्त करने का अधिकार है इसके बावजूद एजेंसियों का टेंडर बरकरार रखते हुए उन्हें करोड़ों रुपए का फायदा पहुंचाया जा रहा है और निगम को इतना ही राजस्व का नुकसान हो रहा है इसकी न तो आडिट हो रही है और न ही जांच.....
पिछले तीन-चार सालों में यूनीपोल के ठेके में निगम को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया एक फलक का टेंडर देकर और उसका शुल्क लेकर दोनों फलक पर विज्ञापन प्रकाशित करने, 30 यूनीपोल का टेंडर लेने वाले को टेंडर देने के अधिकतम दो महीने का समय दिया जाने का नियम है इसके बाद शुल्क शुरू हो जाता है निगम ने एजेंसियों को छह-छह महीने का वक्त दिया यानी चार महीने शुल्क निगम के खाते में गया ही ननहींएजेंसियों ने बकाया भुगतान नहीं किया है...