राजधानी समेत राज्य के सभी नगर निगमों में स्ट्रीट लाइट समय पर नहीं जल रही और न ही बंद की जा रही है। इस वजह से बकाया बिजली बिल 100 करोड़ से ज्यादा का हो गया है.....
नगरीय प्रशासन विभाग ने 111 करोड़ बिजली बिल का भुगतान करने के बाद अब निगमों में सख्ती शुरू कर दी है। सबसे ज्यादा बिजली बिल बकाया 20 करोड़ रायपुर का ही रहा। फरवरी में इसका भुगतान करने के बाद अभी दिसंबर तक का बकाया फिर से 12 करोड़ से ज्यादा का हो गया है..
सूडा ने रायपुर समेत सभी निगम कमिश्नरों को चिट्ठी लिखकर कहा है कि स्ट्रीट लाइट और एलईडी शाम 5.30 बजे चालू की जाए और सुबह 6 बजे बंद कर दी जाए। इस काम के लिए सभी निगमों में कर्मचारियों की ड्यूटी भी तय की गई है..
लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से स्ट्रीट लाइट खासतौर पर सड़कों के डिवाइडर पर लगी लाइट शाम 4 बजे से ही चालू कर दी जाती है। अधिकतर बार यह लाइट सुबह 8 से 9 बजे तक जलती ही रहती है। इस वजह से नगरीय प्रशासन विभाग ने अब इस पर सख्ती शुरू कर दी है..
इस मामले में निगम कमिश्नरों की वीडियो कांफ्रेसिंग भी की जा चुकी है। स्ट्रीट लाइट का बिजली बिल ज्यादा आने की वजह से नगरीय प्रशासन मंत्री भी खासे नाराज हैं। उनकी नाराजगी के बाद ही निगम कमिश्नरों को चिट्ठी लिखी गई है...
इस साल फरवरी में बिजली कंपनी की ओर से लगातार बिल के लिए नोटिस जारी करने के लिए नगरीय निकाय विभाग ने करीब 111 करोड़ रुपए का बिजली बिल बिल का भुगतान किया था। इस वजह से शहरी इलाकों में स्ट्रीट लाइट और पानी आपूर्ति की बिजली कटने की समस्या फिलहाल टल गई।
लेकिन अब साल खत्म होने के बाद एक बार फिर से बिजली बिल का बकाया तेजी से बढ़ रहा है। पुराना बिजली बिल एक साथ करने पर अभी भी राज्यभर के निगमों के ऊपर 300 करोड़ से ज्यादा का बिजली बिल बकाया है....