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स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग सुधारने....निगम के अफसरों शुरू सख्ती....

स्वच्छता सर्वेक्षण रायपुर की रैंकिंग सुधारने निगम के अफसरों ने सख्ती शुरू कर दी है। ठेका कंपनी रामकी के कर्मचारी गीला और सूखा कचरा अलग-अलग लेने में लापरवाही बरत रहे थे। इसका पता चलने पर निगम ने कंपनी के छह ड्राइवरों और हेल्परों को हटा दिया है.... 

कंपनी के अफसरों को सख्त निर्देश दिया गया है कि वे कर्मचारियों प्रशिक्षित करें। लोगों को गीला व सूखा कचरा अलग-अलग देने के लिए प्रेरित करना कर्मचारियों की जिम्मेदारी है। इसके बाद भी यदि लोग नहीं मान रहे तो उनसे जुर्माना वसूलने में भी सख्ती बरती जाएगी। निगम ने 754 लोगों पर एक लाख से ज्यादा जुर्माना लगाया है। स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम अगले महीने रायपुर आ सकती है। इस वजह से निगम सफाई के सिस्टम को सुधारने में जुटा है।टीम का मुख्य फोकस गीले और सूखे कचरे का अलग-अलग संग्रहण है.... 

घरों से इकट्ठा हो

रहा कचरा गीला और सूखा अलग-अलग लेना है। निगम ने कचरा इकट्ठा करने और उसे ले जाने की जिम्मेदारी एमएसडब्ल्यू साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया। कंपनी की गाड़ियां लोगों के घरों तक जाती है। गाड़ी में गीले व सूखे के लिए अलग-अलग कंपार्टमेंट हैं। गाड़ी के ड्राइवर और हेल्पर की जिम्मेदारी होती है कि लोगों को गीला व सूखा कचरा अलग-अलग देने के लिए प्रेरित करे। एेसा नहीं करने की शिकायत निगम को मिल रही थी। लगातार शिकायतों के बाद संबंधित इलाकों की जांच की गई.. 

शिकायत सही मिलने पर शुक्रवार को निगम कमिश्नर मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी ने जिम्मेदार ड्राइवरों और हेल्पर को सेवा से बर्खास्त कर दिया। गीला और सूखा कचरा अलग-अलग कर देने के लिए आम लोगों से लगातार अपील की जा रही है। अब जुर्माने की भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। निगम क्षेत्र के सभी दस जोनों के 754 लोगों पर गीला और सूखा कचरा अलग अलग नहीं देने पर 107500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया... 

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