Raipur news : निगम में यूनिपोल घोटाले को लेकर विपक्ष भी आक्रामक हो गया है विपक्ष की नेता ने इस पूरे मामले में कहा है कि ये षड़यंत्र है या साजिश? उन्होंने कहा कि इस मामले में यदि तथ्य हैं तो दोषी अफसरों के खिलाफ सीधे एफआईआर कराई जानी चाहिए समिति बनाकर जांच कराने का औचित्य ही नहीं....
निगम मुख्यालय में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे, पूर्व नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत राठौर और पार्षद दल प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे ने इस पूरे मामले में मेयर पर निशाना साधा है मीनल ने कहा कि निगम कमिश्नर ने स्मार्ट टायलेट और एसी बस स्टॉप में यूनिपोल लगाने की दो फाइलों में विशेषाधिकार का उपयोग किया है...
दोनों में दो अलग-अलग एजेंसियां हैं एक के मामले में अफसरों को गड़बड़ी का दोषी कहा जा रहा है और दूसरे की बात ही नहीं की जा रही है चार साल पहले यूनिपोल लगाए गए, अब गड़बड़ी उजागर होना संदेह में है...
अपर आयुक्तों की कमेटी कमिश्नर और वर्तमान दो कलेक्टरों के कामों की जांच कर सकती है? पूर्व नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत राठौर ने कहा कि निगम से होने वाले हर काम की जानकारी मेयर और संबंधित विभाग के एमआईसी को होती है...
फिर ये कैसे हो सकता है कि इतनी बड़ी गड़बड़ियां हों और जानकारी न हो नियम-शर्तों का उल्लंघन हुआ है, जो कि टेंडर में स्पष्ट रूप से लिखा था मृत्युंजय दुबे ने कहा कि यह पूरा मामला पूर्व निगम कमिश्नर सौरभ कुमार के समय का है, जो अभी बिलासपुर कलेक्टर हैं उन्होंने ही कंपनी के प्रस्ताव को स्वीकर किया इस प्रस्ताव की नोटशीट में नगर निवेश विभाग के अफसरों के साथ ही पूर्व निगम कमिश्नर के भी हस्ताक्षर हैं...