रायपुर : शहर में विज्ञापन होर्डिंग्स और यूनिपोल लगाने के नियम तो तय हैं, लेकिन उसे अपने हिसाब से तोड़ने-मरोड़ने का अधिकार विज्ञापन एजेंसियों को दिया जा रहा है। नगर निगम की ओर से जिन रूट्स में यूनिपोल लगाने की प्लानिंग होती है, टेंडर हासिल करने वाली एजेंसियां उसे अपने हिसाब से बदल रही हैं.....
यही नहीं, दो यूनिपोल के बीच एक निश्चित दूरी होनी चाहिए, ताकि सड़कों में सिर्फ होर्डिंग्स ही नहीं दिखें इसके विपरीत एजेंसियों बहुत ही पास-पास में यूनिपोल लगा रही हैं शहर में विज्ञापन और यूनिपोल लगाने को लेकर निगम में खुलकर मनमर्जी चल रही है। निगम अफसरों भी किसी तरह की आपत्ति नहीं कर रहे हैं....
तेलीबांधा चौक से भारत माता चौक होते हुए पंडरी तक नगर निगम ने 9 मिनी यूनिपोल का टेंडर एक कंपनी को दिया था इस कंपनी ने अपनी मर्जी से रोड को बदलकर पंडरी से लेकर अंबूजा मॉल तक सारे यूनिपोल लगा दिए। इसी तरह विज्ञापन एजेंसियों ने कुछ अन्य रूट्स भी बदल दिए....
एक रूट में ही स्वीकृत टेंडर के अनुसार सारे यूनिपोल लगाने से दो यूनिपोल के बीच की दूरी कम हो जाती है जैसे दस किमी की सड़क पर 10 यूनिपोल का टेंडर दिया गया है और एजेंसी ने पांच किमी में ही 10 यूनिपोल लगा दिए तो दो पोल के बीच की दूरी लगभग आधा किमी ही रह गई.....
निगम सूत्रों का कहना है कि रोड बदलने का नियम होता है, लेकिन यह तब होता है जब किसी एनएचआई या कोई बड़ी एजेंसी यूनिपोल लगाने पर आपत्ति करे....