जालंधर : नगर निगम कमिश्नर अभिजीत कपलिश ने सख्त तेवर दिखाते हुए गत शाम बिल्डिंग विभाग के क्लर्क कमल कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पैंड कर दिया परंतु बाद में स्पष्टीकरण लेकर कमिश्नर ने अपना फैसला बदल लिया गौरतलब है कि कमल के पास डिस्पैच क्लर्क का काम है कमिश्नर ने जांच दौरान पाया था कि बिल्डिंग विभाग के डिस्पैच रजिस्टर पर अलग-अलग हैंडराइटिंग से एंट्रीज हो रही थी और संबंधित अधिकारियों तक फाइलें और शिकायतें इत्यादि पहुंचाने के काम में भी कोताही बरती जा रही थी....
खास बात यह है कि बिल्डिंग विभाग में निचले स्तर के कई कर्मचारी ऐसे हैं जो पिछले कई वर्षों से एक ही सीट पर टिके हुए हैं जिस कारण फाइलों और दस्तावेजों पर उनकी मोनोपली बनी हुई है पता चला है कि कमिश्नर ने अब बिल्डिंग विभाग में प्रशासनिक सुधारों के तहत क्लर्क स्तर पर कुछ बदलियां करने का भी फैसला लिया है जिसे कोड ऑफ कंडक्ट खत्म होने के बाद अंजाम में लाया जाएगा....
शिकायतों पर कार्रवाई नहीं कर रहा बिल्डिंग विभाग
गत दिवस निगम कमिश्नर ने जब विभिन्न विभागों के प्रमुखों की एक बैठक ली तो पाया गया कि शिकायत सैल द्वारा प्राप्त हुई शिकायतों को मार्क इत्यादि करके दूसरे विभागों में भेज तो दिया जाता है परंतु उसका फॉलोअप नहीं होता और शिकायतें लंबे समय तक पैंडिंग रहती हैं। बैठक के दौरान पता चला कि केवल बिल्डिंग विभाग के पास पैंडिंग शिकायतों की संख्या ही 2000 के पार है। ऐसे में निगम कमिश्नर ने निर्देश दिए हैं कि इन शिकायतों का जल्द निपटारा किया जाए...
शिकायतों के बाद स्टाफ करता रहा है वसूली
बिल्डिंग विभाग में अब तो नए अधिकारी आए हैं परंतु पिछले सालों दौरान जब बिल्डिंग विभाग पर कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों का कब्जा हुआ करता था तब विभाग को प्राप्त शिकायतों पर ही विभाग के अधिकारी और कर्मचारी निजी वसूली तक कर लिया करते थे पता चला है कि ऐसी शिकायतों के आधार पर बिल्डिंग विभाग में रहे एटीपी रवि पंकज शर्मा ने भी कुछ स्थानों से वसूली की थी जिसके बाद उन्हें विजिलेंस ने दबोचा था। अब विजिलेंस विभाग द्वारा सारे नैटवर्क का पर्दाफाश किया जा रहा है जिसमें कुछ और अधिकारियों के भी फंसने की संभावना है विजिलेंस यह भी पता लगा रही है कि निगम को प्राप्त शिकायतों के आधार पर किन अधिकारियों और कर्मचारियों ने वसूली इत्यादि की और उसके बाद शिकायतों को न केवल पैंडिंग रखा गया बल्कि कई फाइलों को तो गायब तक कर दिया गया बिल्डिंग विभाग में पिछले समय दौरान रहे अधिकारियों पर यह भी आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने अवैध बिल्डिंगों और कालोनियों से संबंधित कई फाइलों में से महत्वपूर्ण दस्तावेज इत्यादि फाड़ दिए हैं ताकि उनकी मिलीभगत का कोई सबूत ही न बचे....
कोड ऑफ कंडक्ट का फायदा उठाकर बन रही हैं अवैध बिल्डिंगें
इन दिनों शहर में लोकसभा उपचुनाव का शोर है और ज्यादातर लोग चुनावी कार्यों में ही व्यस्त हैं नगर निगम के कई अधिकारियों और कर्मचारियों की चुनावी ड्यूटी तक लगी हुई है जिस कारण निगम का कामकाज प्रभावित हो रहा है ऐसे में कोड ऑफ कंडक्ट का फायदा उठाकर शहर में धड़ाधड़ अवैध बिल्डिंगें बन रही हैं और न्यू हरगोबिंद नगर के निकट तथा भार्गव कैंप थाने के पास अवैध रूप से कालोनियां तक काटी जा रही हैं माना जा रहा है कि चुनावी प्रक्रिया खत्म होते ही निगम द्वारा अवैध बिल्डिंगों और अवैध कालोनियों पर बड़ा एक्शन किया जा सकता है दूसरी ओर निगम कमिश्नर ने बिल्डिंग विभाग में कुछ फेरबदल किया है और कुछ अधिकारियों के सैक्टर इत्यादि बदल दिए गए हैं.....