राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की सदस्य अंजना पंवार ने बृहस्पतिवार को अधिकारियों की मौजूदगी में सफाई कर्मचारियों की समस्याएं सुनीं। नगर निगम सभागार में आयोजित बैठक में सफाई कर्मचारियों ने समय पर वेतन न दिए जाने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन में देरी होने, औपचारिकताओं के नाम पर परेशान किए जाने तथा अनुबंध के तहत सेवा देने वाले सफाई कर्मचारियों का मुद्दा उठाया। कर्मचारियों ने कहा कि संसाधनों की कमी को दूर नहीं किया जा रहा है।
कर्मचारी नेता जितेंद्र चंदेलिया ने रोष जताया कि जोखिम उठा कर सफाई कर्मचारी और सीवरमैन काम कर रहे हैं। कोरोना संकट के दौर में भी पूरी तरह जुटे हुए हैं, मगर संसाधनों के नाम पर उनके पास कुछ नहीं है। इस मामले में अधिकारी गंभीर नहीं हैं। नगर निगम में शामिल 24 गांवों के सफाई कर्मचारियों को वेतन न देने पर नाराजगी जताई गई।
अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ के महासचिव माम चंद छजलाना ने कर्मचारियों के हितों के लिए कार्यालय के लिए जगह देने की मांग की। उन्होंने ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को समय पर वेतन न देने का भी मुद्दा उठाया। इसके बाद बैठक में मौजूद संबंधित ठेकेदार को कहा गया कि सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया जाना चाहिए। सफाई कर्मी महेंद्र कुमार ने कहा कि अब सफाई कर्मचारियों को हाजिरी मोबाइल एप पर लगानी पड़ रही है। कुछ मिनटों की देरी होने पर कर्मचारियों को अनुपस्थित कर दिया जाता है। नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान गुरचरण खांडिया ने कहा कि ईकोग्रीन कंपनी के वेंडर संतोषजनक कार्य नहीं कर रहे हैं। खत्तों पर कचरा फैला रहता है। हर घर से कचरा एकत्र नहीं हो रहा है। इसके लिए सफाई कर्मचारियों को परेशान किया जाता है। बैठक में मौजूद अतिरिक्त निगमायुक्त इंद्रजीत कुलड़िया ने जवाब दिया कि अगर वेंडर या ईकोग्रीन की कोई कमी सामने आती है, तो उन पर जुर्माना किया जाता है।
इस अवसर पर अतिरिक्त निगमायुक्त अभिषेक मीणा, एसडीएम बड़खल पंकज सेतिया, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रामभगत तथा सफाई कर्मचारी यूनियन के कई नेता मौजूद रहे। इनसेट..
परिवार के हर सदस्य की हो स्वास्थ्य जांच
आयोग की सदस्य अंजना पंवार ने कर्मचारियों के लंबित कामों के मामले में स्थापना शाखा के अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जताई और सुधार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों को संसाधन उपलब्ध कराएं, ताकि वे स्वच्छता के मामले में बेहतर कार्य कर सकें। बिना संसाधनों के स्वच्छता के मामले में अव्वल कैसे आएंगे। यह भी निर्देश दिए कि निगम की ओर से हर सफाई कर्मचारी की आइडी (परिचय पत्र)बनना चाहिए। इसमें कर्मचारी की ब्लड ग्रुप की भी जानकारी होनी चाहिए, ताकि कभी काम करते वक्त अगर कोई हादसा हो जाता है, तो चिकित्सा सेवाएं आसानी से दी जा सकें। उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों के हितों को लेकर गंभीरता से काम कर रही है। अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्ष में कम से कम चार बार सफाई कर्मचारी और परिवार के सदस्यों की स्वास्थ्य जांच कराएं।