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BJP की टिकट पर मेयर निर्वाचित हुई पूजा विधानी का जाति प्रमाण पत्र अवैध

बिलासपुर : जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिराजुद्दीन कुरैशी ने मेयर एल. पद्मजा उर्फ पूजा विधानी को नोटिस जारी किया है. साथ ही कलेक्टर, चुनाव ऑब्जर्वर, एडिशनल कलेक्टर, निर्वाचन आयुक्त के साथ ही 6 अन्य मेयर प्रत्याशियों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी प्रमोद नायक ने मेयर की जाति प्रमाणपत्र और लिमिट से अधिक खर्च करने को चुनौती दी है. उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया है.

कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी प्रमोद नायक ने बताया है कि भाजपा की टिकट पर मेयर निर्वाचित हुई पूजा विधानी का जाति प्रमाण पत्र अवैध है. साथ उन्होंने चुनाव में तय लिमिट 25 लाख की जगह 1 करोड़ 5 लाख रुपए खर्च किए.

आरोप- 25 लाख की जगह 1 करोड़ खर्च किए

प्रमोद नायक का कहना है कि खर्च को लेकर आपत्ति भी की गई. लेकिन, आपत्ति को जिला निर्वाचन अधिकारी ने खारिज कर दिया. उनका यह भी आरोप है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव में 25 लाख खर्च करने का लिमिट तय किया था। लेकिन, पूजा विधानी ने 1 करोड़ 5 लाख रुपए खर्च कर दिए..


याचिका में इस संबंध में तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं. वहीं यह भी बताया गया कि चुनाव के दौरान अधिकारियों से कई शिकायतें की गईं, लेकिन उन्होंने निराकरण नहीं किया. शिकायतों का जवाब तक नहीं दिया गया.

मेयर विधानी का चुनाव शून्य घोषित करने की मांग

याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन के दौरान नियमों की गंभीर अवहेलना की गई है इस संबंध में लगातार लिखित सूचना और शिकायत की जाती रही. लेकिन अधिकारियों ने इनका समुचित निराकरण नहीं किया. कुछ शिकायतें ऐसी थीं, जिनमें निर्वाचन के नियमों के अनुसार समयावधि में निराकरण करना था. लेकिन अधिकारियों ने निराकरण नहीं किया बल्कि निर्वाचन प्रक्रिया जारी रख प्रतिवादी के निर्वाचित होने में भूमिका अदा की.

याचिका में मेयर विधानी की निर्वाचन को शून्य घोषित करने, अधिकारियों पर कार्रवाई करने और याचिका से संबंधित खर्च प्रदान किए जाने की मांग की गई है।

हाईकोर्ट भी पहुंचा था मामला

बिलासपुर मेयर विधानी की जाति का विवाद हाईकोर्ट भी पहुंचा था. बसपा के उम्मीदवार ने रिटर्निंग ऑफिसर के द्वारा जाति प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं कराने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हालांकि, हाईकोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया जारी होने और छानबीन समिति का मामला बताते हुए याचिका खारिज कर दी थी.


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