भोपाल : बड़े तालाब के चारों ओर पिछले 26 साल में तैयार हुए छोटे-बड़े झाड़ के जंगल में अतिक्रमण और अवैध कटाई हो रही है पिछले 6 महीने में ही इस बारे में 50 से ज्यादा शिकायतें हो चुकी हैं ये शिकायतें पर्यावरण वानिकी मंडल कार्यालय में और जनसुनवाई में पहुंची हैं तालाब के चारों ओर राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) ने बैरागढ़, बिशनखेड़ी सहित 22 गांवों के 1 हजार हेक्टेयर इलाके में 26 साल पहले प्लांटेशन किया था इससे तालाब के चारों ओर छोटे-बड़े झाड़ का जंगल विकसित हुआ अब वन विभाग के अफसरों का कहना है कि ये संरक्षित वन में शामिल नहीं है इस कारण हम कार्रवाई नहीं कर सकते यहां पर कार्रवाई करने का अधिकार जिला प्रशासन और नगर निगम को हैं लेकिन निगम प्रशासन लगता है कि गहरी नींद में सो रहा है. ...
50 से ज्यादा शिकायतें 6 महीने में आईं
22 गांवों में 26 साल पहले हुआ था प्लांटेशन
पक्षियों और जलीय जीवों को खतरा... वन अधिकारियों द्वारा कराए गए अध्ययन में सामने आया है कि अतिक्रमण से डीम्ड जंगल को खतरा है। इस जंगल में 286 प्रजाति के पक्षियों (स्थानीय व प्रवासी) का डेरा है। वहीं जलीय जीवों की भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं....
ज्यादा नुकसान यहां... अधिकारियों के मुताबिक तालाब किनारे संत हिरदाराम नगर की तरफ और बिशनखेड़ी के आसपास ज्यादा अतिक्रमण हो रहा है। पेड़ कटाई के साथ मलबा डालकर अतिक्रमण किया जा रहा है....
शो पीस बनकर रह गया पर्यावरण वानिकी मंडल, अधिकार ही नहीं दिए... वन विभाग का कहना है कि सीपीए को खत्म करने के बाद नया वानिकी मंडल तो बना दिया लेकिन अधिकार नहीं दिए है यह महज शो पीस की तरह है शासन से अधिकार मिले तो भोपाल जिले में हो रहे पर्यावरण नुकसान को रोका जा सकता है....