इंदौर: नगरीय प्रशासन विभाग (Urban Administration Department) ने इंदौर (ndore) सहित प्रदेशभर के आयुक्तों को पत्र भेजकर 1 अप्रैल से अवैध निर्माणों को चिन्हित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, जिसके चलते इंदौर सहित प्रदेशभर में साढ़े 18 हजार अवैध निर्माण चिन्हित तो किए हैं, जिसमें इंदौर के भी तीन हजार से अधिक अवैध निर्माण शामिल हैं। हालांकि चुनावी साल के चलते इतने अवैध निर्माणों पर तो कार्रवाई मुश्किल है। अब देखना यह है कि कल से निगम के बुलडोजर कितने अवैध निर्माणों को तोडऩे निकलते हैं। 5 हजार स्क्वेयर फीट से अधिक के सभी निर्माणों की जांच के आदेश प्रमुख सचिव ने जारी किए थे...
नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने पिछले दिनों एक आदेश जारी किया, जिसमें सभी नगरीय निकायों को कहा गया कि अवैध निर्माणों की सूची बनाएं और साथ ही जो कम्पाउंडेबल प्रकरण हैं उनकी कम्पाउंडिंग भी की जाए और शेष अवैध निर्माणों को तोड़ा जाए। 5 हजार स्क्वेयर फीट से अधिक के निर्माणाधीन या निर्मित आवासीय, व्यवसायिक या अन्य उपयोग के भवनों को चिन्हित किया जाए और जो जीआईएस सर्वे पिछले दिनों किया गया था उसके आधार पर बेस मैप तैयार कर 2014 के बाद हुए अवैध निर्माणों की जानकारी एकत्रित की जाए
1 अप्रैल से इन सबके खिलाफ नगर निगम अधिनियम 1956 और 1961 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाए। सूत्रों का कहना है कि शासन के इस आदेश के चलते प्रदेशभर के 16 नगर निगमों ने लगभग साढ़े 18 हजार अवैध निर्माणों को चिन्हित किया है, जिसमें सर्वाधिक बड़ी संख्या इंदौर की ही 3 हजार से अधिक अवैध निर्माणों की है, तो भोपाल में इस तरह के अवैध निर्माण 2300 से अधिक तथा ग्वालियर, जबलपुर में डेढ़ से दो हजार तथा अन्य शहरों में भी इसी तरह अवैध निर्माणों को चिन्हित किया गया है। इंदौर में पिछले दिनों महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी महापौर परिषद् सदस्यों और अधिकारियों की बैठक लेकर अवैध कॉलोनियों और निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी। हालांकि यह चुनावी साल है...
जिसके चलते संभव नहीं है कि इतनी बड़ी संख्या में अवैध निर्माणों को जमींदोज किया जा सकेगा। सभी जगह चुने हुए जनप्रतिनिधि बैठे हैं। इंदौर निगम में ही महापौर सहित 85 वार्ड पार्षद हैं, जो आए दिन छोटे-मोटे रिमूव्हल ही रूकवाने का दबाव बनाते हैं। कल ही इंदौर में जो हादसा हुआ वह भी अवैध निर्माण को संरक्षण देने के चलते ही हुआ, जिसमें 36 जानें चली गई। इंदौर तो वैसे भी अवैध कॉलोनियों और निर्माणों का सबसे बड़ा गढ़ रहा है। निगम बीते कई वर्षों से इस तरह की सूचियां बनाता रहा है। हालांकि निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने सख्ती दिखाते हुए कई अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलवाए और कई को सील भी किया हैं...