इंदौर : बेलेश्वर महादेव मंदिर में बावड़ी हादसे में हाईकोर्ट ने कलेक्टर टी इलैया राजा और निगम कमिश्नर हर्षिका सिंह को नोटिस जारी किया है कोर्ट ने पूछा कि इतने बड़े हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर अब तक आपराधिक केस दर्ज क्यों नहीं किया गया कोर्ट ने 4 हफ्ते में जवाब मांगा है जनहित याचिका पर सुनवाई हुई अगली सुनवाई जून के दूसरे सप्ताह में होगी....
रामनवमी के दिन बेलेश्वर महादेव मंदिर में बावड़ी धंस गई थी इसमें 36 लोगों की मौत हो गई थी इसे लेकर पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका लगाई थी याचिका में जांच अधिकारी पर भी सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि इस मामले की निष्पक्ष मजिस्ट्रियल जांच संभव नहीं है हाईकोर्ट को खुद की निगरानी में इसकी जांच कराना चाहिए कोर्ट ने मंदिर ट्रस्ट और जांच अधिकारी को भी नोटिस जारी किया है....
जांच अधिकारी के यहां काम कर रहे निगम कर्मचारी
पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने वरिष्ठ एडवोकेट डॉ. मनोहर दलाल के द्वारा लगाई गई इस याचिका में सिस्टम और जिम्मेदारों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी के पास ही निगम से 3 कर्मचारी काम कर रहे हैं अपर कलेक्टर से लेकर अन्य राजस्व अधिकारियों के यहां नगर निगम के 47 ड्राइवर, कर्मचारी नि:शुल्क काम कर रहे हैं इनके साथ ही बाकी राजस्व अधिकारियों के यहां भी निगम से सभी सेवाएं ले रहे हैं, तो ऐसे में निगम और निगमायुक्त के खिलाफ निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है? याचिका में तो जांच अधिकारी के यहां काम करने वाले निगम सेवादारों के नाम भी लिखे हुए हैं...
निगम के रिकॉर्ड में इस मंदिर की बावड़ी नहीं
याचिकाकर्ता का कहना है कि निगम के रिकॉर्ड में 629 कुएं व बावड़ी हैं, लेकिन इसमें मंदिर की बावड़ी नहीं है खुद मंदिर ट्रस्ट ने 25 अप्रैल 2022 को निगम के नोटिस के जवाब में बावड़ी के बारे में लिखा था ट्रस्ट अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली सबनानी ने जो जवाब दिया इसमें लिखा है कि बावड़ी जर्जर है, इसे ठीक करना है इस काम में निगम से मदद चाहिए इसके बाद भी निगम के पास इसका रिकॉर्ड नहीं है...
मंदिर ट्रस्ट को दिए नोटिस दिए, कार्रवाई नहीं की
23 अप्रैल को मंदिर को नोटिस दिया गया 25 अप्रैल को मंदिर ट्रस्ट ने जवाब दिया इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई 11 मई 2022 को फिर खुद स्नेह मंडल विकास समिति के मंच के तहत रहवासियों ने निगमायुक्त प्रतिभा पाल से मुलाकात कर अवैध निर्माण की बात कहीं, लेकिन कुछ नहीं किया 30 जनवरी को भी अंतिम आदेश जारी किया, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई...