सतना: नगर निगम में फिर एक बड़ा घोटाला सामने आया है. ये घोटाला न तो निर्माण कार्य का है और न ही कोई खरीद घोटाला. बल्कि ये घोटाला वेतन घोटाला है.
सतना नगर निगम ने दो मास्टर रोल कर्मचारी को एक साल में 18 लाख का भुगतान कर दिया. ऐसे में अब निगम पार्षद बिफर गए है.
परिषद में हुए जबरदस्त हंगामे के बाद निगम परिषद ने पार्षदों की जांच टीम बनाकर जांच के आदेश दिए हैं. लेकिन निगम कर्मचारी अपनी गर्दन फंसती देख जांच टीम को दस्तावेज ही नही दे रही.
सतना नगर निगम ने वर्ष 2016 -17 में जो वेतन भुगतान किया वो बेहद है चौंकाने वाले हैं दो मास्टर रोल कर्मचारी पर अठारह लाख का भुगतान का व्यय परिषद की बैठक में दी गई, फिर क्या था निगम परिषद की बैठक में भाजपा और कांग्रेसी पार्षद लामबंद हुए.
परिषद अध्यक्ष ने इस पूरे मामले की जांच के लिए भाजपा पार्षद नीरज शुक्ला की अध्यक्षता में पाँच सदस्यीय पार्षदों की जांच कमेटी गठित की. कमेटी के गठन के दो हप्ते बाद निगम अधिकारियों ने दस्तावेज ही कमेटी को नही दे रहे. कमेटी अध्यक्ष की माने तो ये बड़ा घोटाला है. इस घोटाले को बड़े सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया. मास्टर कर्मी का नाम तक नही बताया जा रहा और अठारह लाख की भारी भरकम राशी खर्च कर दी गई.
इस पूरी घोटाले से निगम कमिश्नर भी अंजान हैं. उनकी माने तो भुगतान पूर्व कमिश्नर के कार्यकाल के हैं. हालांकि पूरे प्रकरण की जाँच कमेटी को देने के आदेश स्थापना साखा को जारी किए गए हैं जाँच रिपोर्ट आने के बाद संबंधितो के खिलाफ कारवाही सुनिश्चित की जाएगी.
बहरहाल सतना नगर निगम का सदैव विवादों से नाता जुड़ा रहता है. बिजली उपकरण घोटाले के बाद अब वेतन घोटाला सामने आया है. ऐसे में निगम की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है.