MADHYA PRADESH

शहर में चल रहा अवैध निर्माण और एनओसी का खेल...देखे अधिकारियों ने क्या कर डाला...

रीवा : शहर में भवन अनुज्ञा के नाम पर किये जा रहे फर्जीवाड़े की एक बानगी सामने आई है नगर निगम के वार्ड क्रमांक 4 चोरहटा स्थित एक ऐसे भवन अनुज्ञा के लिए टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग ने एनओसी जारी की है जिस पर किसी तरह का निर्माण ही नहीं हुआ है उसे आधार बनाकर नगर निगम ने कम्पाउण्डिंग भी ले लिया है। मामला कमिश्नर की संज्ञान में आया है, अब मामले की जांच भी संभव है... 

गौरतलब है कि शहर के वार्ड क्रमांक 4 में टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग में रेंसीडेशियल भूमि पर कामर्शियल आफिस के लिए एनओसी जारी की गई है नगर निगम के अधिकारियों ने टीएण्डसीपी की एनओसी को भी नजर अंदाज कर दिया और भवन अनुज्ञा की फाइल कम्पाउडिंग में लगवा दिये है जिस भूमि में भवन अनुज्ञा चाही गई है उसका नक्शा पहले फे्रश था बावजूद नगर निगम ने उसी भूमि पर भवन अनुज्ञा के लिए कम्पाउण्डिंग दर्ज करा दी है। हद तो यह है कि जिस भूमि पर किसी तरह का निर्माण ही नहीं हुआ उसकी कम्पाउण्डिंग कैसे हो सकती है यह समझ से परे है.... 

बेसमेंट तक नहीं बना

नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा जो एनओसी जारी की गई है उसमें बेसमेंट निर्माण पार्किंग की बात की गई है जबकि जहां पर अनुज्ञा के लिए नगर निगम में लगाया गया है वहां बेंशमेंट ही नहीं बना है ऐसी स्थिति में भवन अनुज्ञा देना नगर निगम की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर देता है। यहां पर यह बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है.... 

एफएआर का भी उल्लंघन

नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा जारी एनओसी में जो एफएआर एवं फ्रन्ट साइड के लिए निर्देश जारी किये गये है उसे भी अधिकारियों ने नजर अंदाज कर दिया है सबसे बड़ी बात यह है कि जहां पर निर्माण ही नहीं हुआ है वहां कम्पाउण्डिंग किया जाना कितना उचित है यह निगम के अधिकारी अच्छी तरह जानते है। बावजूद वह भवन अनुज्ञा देने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे है.... 

संस्कृति जैन, आयुक्त नगर निगम रीवा

मेरे संज्ञान में यह बात नहीं थी जहां पर निर्माण नहीं हुआ है उसकी कम्पाउण्डिंग नहीं की जा सकती है। अगर ऐसा किया जा रहा है यह गलत है। कल मैं इसे देखकर कार्रवाई पर अगर भवन अनुज्ञा हो भी जाती है तो वह निरस्त किया जाएगा.... 


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