छतरपुर : शहर के बस स्टैंड को किसी भी शहर का दर्पण माना जाता है बाहर से आने वाले मुसाफिर बस स्टैंड की स्थितियों को देखकर ही उस शहर के बारे में अपने मन के भीतर छवि निर्मित करते हैं दुर्भाग्य से छतरपुर शहर के बस स्टैंड पर मौजूद परिस्थितियां हमारे शहर की बुरी तस्वीर निर्मित कर रही हैं बस स्टैंड पर करोड़ों रूपए की सरकारी जमीन, गंदगी, नशे और वाहनों का अड्डा बनकर रह गई है नगर पालिका ने वर्ष 2011 में यहां बने पुराने सरायं भवन को तोड़कर नवीन कॉम्प्लेक्स बनाने का सपना दिखाया था जो 12 साल गुजरने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है....
महोबा रोड और झांसी रोड दोनों ही ओर से गुजरने वाले वाहनों के मध्य फव्वारा चौक के समीप स्थित एक विशाल भूखंड इन दिनों अवैध कब्जों और वाहनों का शरण स्थली बन गया है नगर पालिका ने 2011 में यहां बने सराय कॉम्प्लेक्स को तोड़कर इस स्थान पर एक बहुमंजिला इमारत बनाने का सपना दिखाया था कहा गया था कि इस बिल्डिंग में सरायं कॉम्प्लेक्स के साथ-साथ मौजूदा दुकानदारों के लिए नई दुकानें बनाई जाएंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ नगर पालिका ने यहां बेस को पक्का कर उस पूरे भूखण्ड को आवारा लोगों के लिए छोड़ दिया इस स्थान पर 50 से ज्यादा अवैध वाहन 24 घंटे खड़े रहते हैं इसी भूखण्ड पर चारों तरफ गंदगी के ढेर लगे हैं गंदा पानी बीमारियों को आमंत्रित कर रहा है....
बस स्टैंड के आसपास घूमने वाले आवारा तत्व अवैध गतिविधियों और नशे के लिए इसी स्थान को चुन रहे हैं दुर्भाग्य से छतरपुर नगर पालिका और जिला प्रशासन ने इस बेशकीमती जमीन को भुला दिया है और अपनी आंखों में पट्टी बांधकर तमाशा देखा जा रहा है....
ओमपाल सिंह भदौरिया, सीएमओ, नपा छतरपुर
पूर्व में जब इस भूखंड पर छत डाली गई तो तकनीकी कारणों से यह छत अन्य विभागों की अनापत्तियों के लिए अपात्र हो गई है जिसके कारण यह प्रोजेेक्ट फंसा हुआ है हम जल्द ही परिषद की बैठक के माध्यम से इस प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू करने के लिए समाधान निकालने की कोशिश करेंगे....