रायपुर : जीई रोड पर आठ साल से अधूरे पड़े स्काई वॉक का काम अब शुरू होगा। रायपुर की कंपनी पीएसएस कंस्ट्रक्शन को अधूरा काम पूरा करने का ठेका दिया गया है. राज्य सरकार ने इसके लिए 37.75 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं. करीब डेढ़ किमी के स्काई वॉक में 12 जगह चढ़ने-उतरने के लिए नए एस्कलेटर लगेंगे.
इसी के पास सीढ़ियां भी बनाई जाएंगी. लोग इस ब्रिज से अंबेडकर अस्पताल, डीकेएस, तहसील बिल्डिंग, मल्टीलेवल पार्किंग तक आसानी से आना-जाना कर सकेंगे. लोक निर्माण विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार अधूरे स्काई वॉक का काम पीएसएस कंस्ट्रक्शन प्रा लि रायपुर करेगी. टेंडर विवाद के बाद राजधानी की कंपनी को ही ये काम सौंपा गया है.
इससे पहले पुरानी कंपनी ने स्काई वॉक के अधूरे काम को पूरा करने से मना कर दिया था. भाजपा की रमन सरकार ने 2017 में स्काईवॉक बनाने का काम शुरू किया था. कांग्रेस की सरकार आने के बाद इसे गैर जरूरी बताते हुए इसका काम रोक दिया गया. उसके बाद स्काई वॉक जरूरी है या नहीं इसके लिए विधायकों की जांच समिति भी बनाई गई.
समिति ने रिपोर्ट भी दी, लेकिन रिपोर्ट में क्या अनुशंसा की गई है सरकार ने यह भी नहीं बताया. 2023 में राज्य में फिर भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही स्काई वॉक को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई थी. अब इसी सरकार ने फैसला लिया है कि स्काई वॉक फिर से बनाया जाएगा. इस अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कुल लागत 37 करोड़ 75 लाख 70682 रुपए बताई गई है.
जो पिछली अनुमानित लागत से 20.17 प्रतिशत अधिक है. इस बार काम की गुणवत्ता, डिजाइन और पर्यावरणीय मानकों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी विभाग ने कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिए हैं. प्रशासनिक मंजूरी मिलने के बाद जल्द से जल्द काम शुरू करने को कहा गया है.
मरीजों को मिलेगी राहत
अंबेडकर अस्पताल के मरीज स्काई वॉक से ट्रैफिक में फंसे बिना डीकेएस अस्पताल पहुंच सकेंगे. इसके लिए दोनों अस्पतालों को जोड़ने वाली जगह पर लिफ्ट लगाई जाएगी.
स्काई-वॉक में शास्त्री चौक वाले हिस्से पर रोटरी बनेगी. इससे किसी भी हिस्से में लोग चढ़-उतर सकेंगे. कई हिस्से में लगे गर्डर के ऊपर फ्लोरिंग कर आरसीसी स्लैब डाला जाएगा. स्लैब के ऊपर टाइल्स और दोनों किनारों पर स्टील की रेलिंग लगाएंगे.
