CHHATTISGARH

दशकों पुराना तालाब ‘निजी जमीन’ में बदल रहा, महीनों से जांच के सिर्फ दावे...

बिलासपुर : शराब ठेकेदारों ने अशोक नगर शिशु मंदिर के सामने पुराने तालाब को पाटकर यहां अवैध प्लाटिंग की तैयारी शुरू कर दी और अफसर देखते ही रह गए जब से शहर बसा है तब से यहां तालाब है, लेकिन माफियाओं ने 2021 के बाद से तालाब को पाटना शुरू किया और 2023 में तालाब का एक हिस्सा पूरी तरह से पट चुका है और अफसर इस पर लगाम नहीं लगा सके। अफसर जांच की बात कहते रह गए और इधर, तालाब गायब होने लगा यहां के लोगों का कहना है कि अफसर तालाब नहीं बनवा सकते तो कम से कम बचा लें...

अशोक नगर चांटीडीह में खसरा नंबर 5, 6 और 7 तालाब और घास मद की जमीन है भू माफियाओं ने इसे पाटकर तालाब का मूल स्वरूप ही बदल दिया है, जो अवैधानिक है सुप्रीम और हाईकोर्ट की गाइड लाइन है कि किसी भी हाल में तालाबों के मूल स्वरूप से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता, चाहे वह निजी तालाब ही क्यों न हो जब से तालाब को पाटा जा रहा था, तब से इसकी जानकारी अफसरों को है, लेकिन किसी ने रोक-टोक नहीं की। इसका नतीजा यह रहा कि आज तालाब को पाटने के बाद अवैध प्लाटिंग की तैयारी की जा रही है... 

 निगम और जिला प्रशासन के संज्ञान में लाया था, तब अफसरों ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन आज तक न तो जांच की गई और न ही कोई कार्रवाई की गई है सबसे बड़ा सवाल यह है प्रशासनिक अफसर इसमें कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं? चार माह पहले जब तालाब पाटने की शिकायत मिली थी, तब एसडीएम ने जवाब दिया था कि जमीन राजस्व रिकॉर्ड में तालाब के रूप में दर्ज है तो उसका स्वरूप नहीं बदला जा सकता यह सिर्फ बयाना में रह गया.... 

निगम के रिकॉर्ड में 117 तालाब

रिकॉर्ड के मुताबिक नगर निगम एरिया में 117 तालाब हैं, लेकिन अधिकतर पर कब्जा हो चुका है इनमें से 7 तालाबों के सौंदर्यीकरण पर निगम ने 12 वर्षों में 20 करोड़ खर्च किए हैं बाकी पर कब्जे की चिंता नहीं है... 

क्या कहता है नियम

यदि निस्तारी तालाब है ताे इसका स्वरूप किसी भी हाल में नहीं बदला जा सकता.... 

सुप्रीम और हाईकोर्ट की गाइड लाइन अनुसार तालाब अगर निजी भी है, तो भी इसके मूल स्वरूप से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती... 

यदि तालाब बाजिब-उल-अर्ज में दर्ज है तो इसी पाटा नहीं जा सकता और न ही इस पर प्लाॅटिंग की जा सकती है... 

कलेक्टर ने कहा था- पाटा नहीं जा सकता तालाब

खेत के बाद अब तालाब पर नजर, आधा तालाब पाट डाला’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर अफसरों से सवाल पूछे थे तालाब पाटने की शिकायत मिलने पर तब कलेक्टर सौरभ कुमार ने कहा था कि कोई भी जल स्त्रोत तालाब आदि का स्वरूप नहीं बदला सकता राजीव गांधी आश्रय योजना के पट्‌टे बांटते वक्त सड़क, तालाब की भूमि को अलग रखा गया है इस पर बसे लोगों को पट्टे नहीं दिए जा रहे हैं यदि तालाब बाजिब-उल-अर्ज में दर्ज है तो पाटा नहीं जा सकता उन्होंने कहा था प्रभावित पक्ष मुझसे शिकायत कर सकते हैं, लेकिन कलेक्टर ने आज तक इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया... 

निगम में शामिल गांवों के इन तालाबों पर भी कब्जे

1. निगम में शामिल गांवों के तालाबों पर भी भूमाफियाओं की नजर है बहतराई के नाग-नागिन तालाब के चारों ओर कब्जा कर कई मकान बन गए हैं पंचायत के समय तो कुछ कार्रवाई नहीं हुई, निगम में शामिल होने के बाद ग्रामीणों को लगा कि कब्जे थम जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ शिकायत के बाद भी निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की....

2. साइंस कॉलेज से चांटीडीह सब्जीमंडी जाने वाली सड़क पर बाईं ओर एक तालाब था, जो आज के समय में पट चुका है...

3. चिंगराजपारा में एक तालाब था, जिसे पाटकर प्रधानमंत्री आवास बनाया जा रहा है। कई जगहों पर प्राइवेट तो कई जगहों पर सरकारी कब्जे हैं...

4. बहतराई स्थित बधैनीन तालाब में भी कब्जा कर लिया गया है ध्यान नहीं दिया गया तो कुछ दिनों में यह तालाब भी गायब हो जाएगा... 

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