रायपुर : राजधानी में अवैध प्लाटिंग की शिकायत के बाद पिछले साल सितंबर में 47 एकड़ जमीन की खरीदी-बिक्री पर रोक लगा दी गई थी 700 से ज्यादा खसरा नंबरों को ऑनलाइन ब्लाक किया गया, ताकि किसी भी परिस्थिति में विवादित जमीन की खरीदी-बिक्री न हो सके शहर के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद इस जमीन में 1300 से ज्यादा लोगों ने जमीन खरीदी की थी.....
आठ महीने बीतने के बाद भी न तो ब्लॉक खसरा नंबरों को खोला गया और न ही अवैध प्लाटिंग करने वालों पर कोई कार्रवाई की गई बस जांच और कार्रवाई के नाम पर इन जमीनों की रजिस्ट्री रोक दी गई है जमीन खरीदने वाले जब पता करने जाते हैं तो तहसील और प्रशासन के अफसरों का एक ही जवाब होता है जांच चल रही है... पूरी होने के बाद ही बैन हटाया जाएगा....
जांच कब तक पूरी होगी और अभी किस स्थिति में है? इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है राजधानी में पिछले साल अवैध प्लाटिंग की जांच कर खरीदी-बिक्री बैन करने का अभियान चलाया गया था 700 खसरा नंबरों की करीब 47 एकड़ जमीन को ब्लॉक किया गया था। अफसरों का आरोप है कि इन जमीनों पर भू माफियाओं ने बिना ले-आउट और डायवर्सन के अवैध प्लॉटिंग कर दी गई है....
इसलिए नियमों के अनुसार जब तक जमीन वैध नहीं हो जाती जमीन की खरीदी-बिक्री नहीं की जाएगी पड़ताल में पता चला कि जहां-जहां अवैध प्लाटिंग की गई है वहां 1300 से ज्यादा लोगों ने जमीन की खरीदी थी...
अब इन सभी जमीन मालिकों को अपनी ही जमीन पाने के लिए तहसील और कलेक्टोरेट के चक्कर काटने पड़ रहे हैं चौंकाने वाली बात है इनमें से अधिकांश प्लाटिंग करने वालों को जमीन के नियमितिकरण के लिए आवेदन तक नहीं लगाया है इस वजह से अभी भी यह तय नहीं है कि जिन लोगों ने यह जमीन खरीदी है उन्हें उनकी जमीन मिलेगी या नहीं ?
इन जगहों की जमीन पर रोक
तहसीलों के एसडीएम और तहसीलदारों की जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने अटारी, हीरापुर-जरवाय, सोनडोंगरी, गोंदवारा, खमतराई, भनपुरी, दलदल सिवनी, आमासिवनी, कचना, गुढ़ियारी, गोगांव, कोटा, चिरहुलडीह, डूमरतालाब, रायपुरा, डंगनिया, चंगोराभाटा, भाठागांव, मठपुरैना, जोरा, बोरियाखुर्द, डूंडा, देवपुरी समेत कई जगहों की 47 एकड़ जमीन की खरीदी-बिक्री पर रोक लगाई थी ज्यादातर आउटर के एरिया होने की वजह से अवैध प्लाटिंग करने वाले लोगों ने को सस्ते कीमत का झांसा देकर जमीन बेच दी थी सस्ती जमीन मिल रही है इसलिए लोगों ने इसकी खरीदी भी कर ली। किसी ने एक चौथाई तो किसी ने आधी और कई ऐसे भी जिन्होंने जमीन की पूरी कीमत दे दी अब इन सभी को जमीन की रजिस्ट्री होने का इंतजार है....